साल की सभी 12 पूर्णिमाओं में सबसे बड़ी और खास मानी जाने वाली शरद पूर्णिमा को शनिवार को हैं। इस दिन मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है।साथ ही इस दिन खीर बनाने का विधान भी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन खीर क्यों बनाई जाती है, नहीं तो चलिए Sharad Purnima पर खीर बनाने का महत्व और फायदे के बारे में जानते हैं।
इस साल कब है शरद पूर्णिमा का पर्व?
धार्मिक दृष्टि से बेहद खास माना जाने वाला शरद पूर्णिमा का पर्व इस साल 28 अक्टूबर दिन शनिवार को मनाया जाएगा।
शरद पूर्णिमा पर क्यों बनाते हैं खीर क्या है इसका महत्व?
शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) के दिन खीर बनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है, लेकिन बहुत लोग ही जानते हैं कि आखिर इस दिन खीर क्यों बनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा से निकलने वाली किरणें अमृत के समान होती है और यही वजह है कि इस दिन खीर बनाई जाती है और रात में चंद्रमा की रोशनी में रख दी जाती है, ताकी खीर में चंद्रमा की रोशनी पड़े और इसमें भी अमृत का प्रभाव हो सके।
महत्व
कहा जाता है कि अगर शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima Kheer) के दिन चंद्रमा की रोशनी में रखी खीर को खाते हैं, तो इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र से जुड़ी हर वस्तु जागृत होती है। वहीं दूध को चंद्र से जोड़ा गया है। ऐसे में इन दोनों के मिलन से खीर अमृत बन जाता है।
कब खानी चाहिए शरद पूर्णिमा की खीर?
रात में खीर (Kheer) बनाकर पतले कपड़े से इसे ढककर चांद की रोशनी में रख दें फिर करीब 11 बजे के आसपास मां लक्ष्मी को इसका भोग लगाएं और इसे प्रसाद के रूप में खाएं और बांटे।
शरद पूर्णिमा की खीर खाने के क्या हैं फायदे?
ऐसी मान्यता है कि Sharad Purnima की रात में चांद की रोशनी में रखी हुई खीर खाने से कई रोगों से मुक्ति मिलती है। कहते हैं जो लोग बीमारियों से परेशान होते हैं उनके लिए शरद पूर्णिमा की खीर अमृत का काम करती है।
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