प्रयागराज। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने कहा है कि आधुनिक युद्धों की कोई सीमा नहीं है इसलिए वायु सेना को हर तरह के युद्ध में हावी होने के लिए अंतरिक्ष , साइबर और जमीनी क्षमताओं के तालमेल को बढाते हुए अपने रणकौशल को बढाना होगा।
एयर चीफ मार्शल चौधरी ने रविवार को यहां 92 वें वायु सेना दिवस के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मल्टी-डोमेन ऑपरेशन से लेकर हाइब्रिड युद्ध तक, वायु सेना को यह पहचानने की जरूरत है कि आधुनिक युद्ध पारंपरिक सीमाओं से परे है।
उन्होंने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए, हमें युद्ध क्षेत्र पर हावी होने के लिए वायु, अंतरिक्ष, साइबर और जमीनी क्षमताओं को सहजता से एकीकृत करना होगा। हमें खुद से यह सवाल पूछना चाहिए कि, मैं और क्या कर सकता हूं? अपने आप को आज की जरूरतों तक सीमित न रखें। आज से आगे सोचें और आपको एहसास होगा कि अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान और नौसेना तथा थल सेना प्रमुखों की मौजूदगी में वायु सैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले नौ दशकों में भारतीय वायुसेना की ताकत लगातार बढी है और यह दुनिया की बेहतरीन वायु सेनाओं में से एक बन गई। उन्होंने सवाल किया , लेकिन क्या इतना काफी है? यदि भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की राह पर है, तो 2032 में जब हम 100 वर्ष पूरे करेंगे, तब तक भारतीय वायुसेना को सर्वोत्तम नहीं तो सर्वोत्तम में से एक होना चाहिए।
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