KORBA : अंचल में मनोहारी वेंकटेश्वर गणेश स्वरूप सहित सिद्धिविनायक की कई मुर्तियां हुई विराजमान…दर्शन करने पंडालों में उमड़े श्रद्धालु


कोरबा, 20 सितम्बर । कोरबा अंचल सहित ग्रामीण क्षेत्रों में शुभ-मुहुर्त में विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करते हुए भगवान गणेश एवं रिद्धि-सिद्धि को विराजित किया गया। शहर से लेकर उप नगरीय और ग्रामीण अंचलों सहित गली-मोहल्लों में गणेशोत्सव की धूम शुरू हो गई है। घरों और प्रतिष्ठानों में भी यथासंभव लोगो द्वारा श्रीगणेश की मूर्ति स्थापित कर पूजा-अर्चना की जा रही है। छोटे-बड़े पंडालों में कई तरह की सजावटों के बीच श्रीगणेश की मूर्ति स्थापित की गयी हैं।


इन सबके बीच अंचल के मध्य पॉवर हाऊस रोड में विनायक गणेश उत्सव समिति के द्वारा तिरूपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर निर्मित कराए गए विशाल पंडाल में वेंकटेश्वर श्रीगणेश की मूर्ति भक्तों के लिये आकषण का केंद्र बनी हुई हैं। दक्षिण भारत की तर्ज पर ही रिद्धि, सिद्धि उनके अगल-बगल विराजित की गयी हैं। विनायक गणेश उत्सव समिति के सदस्य और कोषाध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने बताया की विनायक गणेश उत्सव समिति के द्वारा लगातार 20वें साल गणेश मूर्ती की स्थापना की गयी हैं।


इसी तरह अंचल में सीतामणी, महात्मा गांधी मार्ग, तुलसी मार्ग, रानी रोड, पुरानी बस्ती, अग्रसेन चौक, टी.पी. नगर, बुधवारी, निहारिका, कोसाबाड़ी, एम.पी. नगर, शिवाजी नगर से लेकर बालको, एनटीपीसी, एसईसीएल, सीएसईबी के कालोनी क्षेत्रों व आम स्थलों पर भी श्रीगणेश की मूर्ति स्थापित की गयी हैं।
इसी क्रम में उप नगरीय क्षेत्रों में कटघोरा के राजा की ख्याति जिले में ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी सुनाई पड़ रहा है। यहां अयोध्या शहर के राम मंदिर की तर्ज पर 107 फीट ऊंचे एवं विशाल पंडाल में श्रीगणेश की मूर्ति स्थापित की गयी हैं।


इतवारी बाजार-रानी रोड मार्ग में चित्रा मल्टीप्लेक्स के निकट श्री सिद्धिविनायक ग्रुप के द्वारा लगातार पांचवें वर्ष इसका आयोजन किया जा रहा है। इस क्षेत्र में भव्य लाइटिंग की जगमगाहट देखते ही बन रही है व शेषनाग की प्रतिकृति लोगो को रोमांचित कर रही है। यहां बाघम्बर पहने श्रीगणेश की मूर्ति में भगवान शिव के भी स्वरूप का आभास हो रहा है।


उक्त समिति के प्रमुख वैभव शर्मा ने बताया कि यहां अलग-अलग दिनों में भगवान की अलग-अलग आरती सुबह 7 बजे एवं सायं 7 बजे की जाएगी। 20 सितंबर को आतिशबाजी के साथ भव्य गंगा आरती, 21 सितंबर को धूप-दीप आरती, 22 सितंबर को 56 भोग आरती, 23 सितंबर को वृद्धाश्रम के बुजुर्गों की आरती, 24 सितंबर को अर्धनारेश्वर किन्नरों की आरती, 25 सितंबर को श्री महाकाल गौरीशंकर आरती, 26 सितंबर को फूल-गुलाल की आरती एवं 27 सितंबर को दिव्य विसर्जन आरती होगी।