19 सितंबर को गणेश चतुर्थी है. इसके साथ ही देश में त्योहारी सीजन की शुरुआत हो जाएगी. दशहरा, दिवाली और छठ पूजा सहित कई पर्व अक्टूबर से नवंबर के बीच मनाए जाएंगे. ऐसे में लोग इन फेस्टिवल को सेलिब्रेट करने के लिए अपने गांव और शहर की तरफ रूख करेंगे. खास बात यह है कि सबसे ज्यादा लोग ट्रेन से ही सफर करते हैं. ऐसे में ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ बढ़ जाती है. अधिक भीड़ होने के चलते कई यात्रियों का टिकट कन्फर्म नहीं हो पाता है. ऐसे में उन्हें घर जाने के लिए बहुत परेशानी उठानी पड़ती है. लेकिन अब पर्व- त्योहार से पहले लोगों को कन्फर्म टिकट मिल सकेगा. इसके लिए भारतीय रेलवे ने तैयारी शुरू कर दी है.
कहा जा रहा है कि पर्व- त्योहारों पर यात्रियों को कन्फर्म टिकट मिल सके, इसके लिए रेलवे ने बड़ा कदम उठाया है. उत्तर रेलवे ने कहा है कि अब कोटा के तहत टिकट कन्फर्म कराने वाले को अफसर और यात्री के बीच के संबंध की जानकारी देनी होगा. इसके लिए अफसर को एक फॉर्म भरना होगा. कहा जा रहा है कि रेवले को ऐसी जानकारी मिली थी कि वेटिंग टिकट कन्फर्म कराने के लिए उसके अधिकारी सांसद कोटा की आड़ में गड़बड़ी कर रहे हैं. इससे जरूरतमंद लोगों का टिकट कन्फर्म होने में दिक्कत आ रही है.
ट्रेनों में वेटिंग टिकट की लंबी फेहरिस्त रहती है
जानकारी के मुताबिक, दिवाली और छठ पूजा पर दिल्ली से बिहार और यूपी जाने वाली सभी ट्रेनों में वेटिंग टिकट की लंबी फेहरिस्त रहती है. ऐसे में बहुत से यात्रियों को टिकट कंफर्म कराने के लिए स्टेशन का चक्कर लगाना पड़ता है. इसका फायदा उठाकरक दलाल उनसे टिकट कंफर्म कराने के नाम पर मोटी रकम ऐंठते हैं. इसके बाद दलाल रेलवे के अधिकारियों से सांठगांठ या फिर सांसद कोटा के तहत गलत दस्तावेज देकर टिकट कंफर्म करा लेते हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.
अधिकारी और यात्री के बीच क्या संबंध है
कहा जा रहा है कि अब कोटा के तहत कन्फर्म होने वाले टिकट की पूरी जानकारी अधिकारियों को विभाग को देनी होगी. आखिर किस यात्री के नाम पर टिकट बुक हुआ है. यात्री का पीएनआर नंबर, मोबाइल नंबर, सीट नंबर जैसी जानकारी भी एक फॉर्म पर भरनी होगी. साथ ही यह भी बताना होगा कि आपको कहां से कहां तक जाना है. इसके इलावा कोटा लगाने वाले अधिकारी और यात्री के बीच क्या संबंध है.
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