मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के जतारा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केन-बेतवा नदी परियोजना को स्वीकृति देकर बुंदेलखंड की प्रगति के द्वार खोले हैं। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन के दो दिन पहले वे टीवी के माध्यम से प्रदेश में बहनों से संवाद करेंगे। सीएम ने मंच से कई घोषणाएं भी की है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली बहना योजना को गरीब बहनों की जिंदगी बदलने का महा अभियान बताया है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना ने महिलाओं को धनराशि दिलाने के साथ उनके मन में विश्वास और आत्मसम्मान भी बढ़ाया है। मुख्यमंत्री शनिवार को टीकमगढ़ जिले के जतारा तहसील के वेरवार गांव में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में महिलाओं के दुख दर्द और गरीबी दूर करने के लिए लाड़ली बहना योजना शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि लाड़ली बहनों ने अपने मुख्यमंत्री भाई और मध्यप्रदेश सरकार पर जो विश्वास व्यक्त किया है उसे मैं कभी टूटने नहीं दूंगा। लाड़ली बहनों की आंखों में आंसू नहीं आने दूंगा, चेहरे पर मुस्कुराहट लाकर ही चैन से बैठूंगा। ये मेरा सौभाग्य है कि मैं प्रदेश की सवा करोड़ लाड़ली बहनों का भाई हूं। लाड़ली बहनों को साल में एक बार राशि देने से काम नहीं चलेगा, ये सोचकर तय किया गया कि उनके खाते में हर महीने एक 1000 रुपए की राशि दी जाए। एक हजार रुपए की राशि लाड़ली बहनों को मिलने से समाज और घर में उनकी इज्जत भी बढ़ी है, लेकिन लाड़ली बहनों का भाई शिवराज सिंह चौहान एक 1 हजार की राशि पर नहीं रुकेगा, उसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 3000 हजार रुपए किया जाएगा। यही मध्यप्रदेश सरकार का संकल्प भी है। इतनी राशि को अन्य कोई नहीं दे सकता। लाड़ली बहनों को प्रतिमाह मिलने वाली राशि बच्चों के छोटे-मोटे काम तो आएगी ही, परिवार की जिंदगी भी बदलेगी। मध्यप्रदेश सरकार यहीं नहीं रुकेगी, महिलाओं की प्रति माह आय 10 हजार करने की दिशा में पहल की जा रही है।
मुख्यमंत्री चौहान ने लाड़ली बहनों से कहा कि 10 तारीख फिर से आ रही है। 10 अगस्त को दोपहर एक बजे सवा करोड़ महिलाओं के बैंक खाते में फिर से एक हजार की राशि डाली जाएगी। राखी के दो दिन पहले 28 अगस्त को उनका भाई शिवराज सिंह चौहान टीवी के माध्यम से उनसे चर्चा करेगा। उन्होंने बताया कि लाड़ली बहना योजना के द्वितीय चरण में 21 से 23 साल की बेटियों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। अगले माह छूटी हुई महिलाओं का पंजीयन होगा। श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश की मौजूदा सरकार ही गरीबों का दुख-दर्द समझ सकती है।
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