Sugar Side Effects: सेहत ही नहीं त्वचा के लिए भी हानिकारक है चीनी, जानें स्किन को इससे होने वाले नुकसान

Sugar Side Effects: इन दिनों कई लोग त्वचा संबंधी समस्याओं से परेशान हैं। अक्सर लोग खराब त्वचा के लिए प्रदूषण और धूल-मिट्टी को जिम्मेदार ठहराते हैं, लेकिन आपकी डाइट भी काफी हद तक त्वचा की सेहत को प्रभावित करती है। कई लोगों का ऐसा मानना है कि चीनी के ज्यादा सेवन से डायबिटीज जैसी स्वास्थ्य समस्या होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शुगर सिर्फ आपकी सेहत ही नहीं, बल्कि आपकी त्वचा को भी प्रभावित करती है

जी हां, मीठे व्यंजनों का सेवन आपकी त्वचा के लिए हानिकारक हो सकता है। ज्यादा मात्रा में चीनी खाने से विभिन्न त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। यह समस्याएं आपके रंग और समग्र त्वचा के स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। 

सूजन

चीनी सूजन को बढ़ावा देती है, जिससे लालिमा और जलन होती है। ऐसे में इससे निजात पाने के लिए फलों, सब्जियों और ओमेगा-3 से भरपूर फूड आइटम्स को अपनी डाइट में शामिल करें।

ग्लाइकेशन

चीनी ग्लाइकेशन के जरिए त्वचा की उम्र बढ़ने को तेज करती है, जिससे कोलेजन और इलास्टिन फाइबर कठोर और कम लचीले हो जाते हैं। ऐसे में समय से पहले बुढ़ापा रोकने में मदद के लिए कम ग्लाइसेमिक वाले फूड आइटम्स चुनें।

झुर्रियां

चीनी कोलेजन और इलास्टिन फाइबर को नुकसान पहुंचाकर झुर्रियों की वजह बनती है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से निपटने के लिए विटामिन सी और ई जैसे एंटीऑक्सीडेंट वाले फूड आइटम्स को प्राथमिकता दें।

कोलेजन

चीनी कोलेजन उत्पादन को नुकसान पहुंचाती है, जो त्वचा की लोच के लिए जरूरी है। शकरकंद और गाजर जैसे विटामिन ए से भरपूर फूड आइटम्स के साथ कोलेजन सिंथसिस को बढ़ावा दें।

ब्रेकआउट्स

चीनी सीबम प्रोडक्शन को बढ़ाकर ब्रेकआउट्स को ट्रिगर करती है। ऐसे में हेल्दी गट के लिए संतुलित आहार चुनें और प्रोबायोटिक्स को डाइट में शामिल करें।

डलनेस

ब्लड शुगर के स्तर पर प्रभाव के कारण चीनी त्वचा के रंग को फीका कर देती है। ऐसे में चमकदार चमक के लिए हाइड्रेशन को प्राथमिकता दें और विटामिन युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें।

असंतुलन

चीनी त्वचा के प्राकृतिक संतुलन को बाधित करती है, जिससे ऑयल प्रोडक्शन और नमी बनाए रखने पर असर पड़ता है। ऐसे में इसे बैलेंस करने के लिए संतुलित आहार और सही ब्यूटी केयर रूटीन अपनाएं।

फ्री रेडिकल्स

चीनी फ्री रेडिकल्स पैदा करती है, जिससे सेलुलर डैमेज होता है। ऐसे में बेरीज, ग्रीन टी और नट्स में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट के साथ ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को मैनेज कर सकते हैं।

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