प्रियांशी को अब नहीं करना पड़ता शिक्षा के लिए मीलों का सफर

कोण्डागांव,01 अगस्त  कोण्डागांव जिले के सुदूर अंचल में बसे मर्दापाल में पहले बच्चों को उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा का माध्यम न होने पर स्कूल का त्याग या बड़े शहरों की ओर पलायन करना पड़ता था या मिलों दूर स्कूलों में जाकर महंगी स्कूली शिक्षा प्राप्त करनी होती थी। जिससे कई बच्चे अपनी पढ़ाई छोड़ने को विवस हो जाते थे।

ऐसी ही एक कहानी है प्रियांशी साहू की है। मर्दापाल में रहने वाली प्रियांशी की प्रारंभिक शिक्षा मर्दापाल के ही एक स्कूल में आठवीं तक अंग्रेजी माध्यम में करायी गयी। जिसके पश्चात क्षेत्र में अंग्रेजी माध्यम के उत्कृष्ट संस्थान न होने के कारण उसका दाखिला बड़े भाई द्वारा कोण्डागांव के जामकोटपारा स्थित स्वामी आत्मानंद स्कूल में करा दिया गया था। जिसके कारण प्रियांशी को मर्दापाल से 32 किलोमीटर दूरी तय कर प्रतिदिन जिला मुख्यालय में स्थित स्वामी आत्मानंद स्कूल आना पड़ता था।

पिता के अभाव में स्वयं का व्यवसाय करने वाले बड़े भाई शिवराम साहू द्वारा प्रतिदिन बहन को स्कूल तक छोड़ना संभव नहीं हो पाता था। ऐसे में कई बार प्रियांशी को अकेले बस एवं आटो के माध्यम से कोण्डागांव पहुंच स्कूल जाना पड़ता था। जिसके लिए वह प्रतिदिन 8 बजे घर से निकलकर 5-5:30 तक घर पहुंच पाती थी। कई बार बस न मिलने या छुट जाने पर किसी से लिफ्ट या कोण्डागांव जा रहे परिचितों का आसरा करना पड़ता था। जिससे उन्हे कई असुविधाओं का समाना करना पड़ता था। इतनी मशक्कत के बाद भी प्रियांशी द्वारा पूरी लगन से अपनी पढ़ाई करते हुए प्रथम श्रेणी से 9वीं कक्षा उत्तीर्ण की।



इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मर्दापाल आगमन पर क्षेत्र के लोगों की मांग पर उनके द्वारा स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल मर्दापाल में खोलने की घोषणा की गयी थी। जिस पर शिक्षा सत्र 2023-24 में स्कूल का संचालन प्रारंभ हो गया और प्रियांशी को कक्षा दसवीं में प्रवेश दिया गया। इस संबंध में प्रियांशी ने बताया कि पहले 09वीं कक्षा में अध्ययन के लिए उसे कई किलोमीटर दूर कोण्डागांव प्रतिदिन जाना पड़ता था। जिससे थकान के साथ पढ़ाई एवं आने जाने में बहुत दिक्कतो का सामना करना पड़ता था। अब हमारे गांव में स्कूल खुल जाने से मुझे यहां एडमिशन मिल गया है।

जिससे मैं बहुत खुश हूं अब मुझे मिलों दूर स्कूल नहीं जाना पड़ता अब स्कूल खुद मेरे गांव चलकर आ गया है। इसके लिए मैं मुख्यमंत्री जी की बहुत बहुत आभारी हूं। यहां मैं दसवीं कक्षा में अंग्रेजी माध्यम की अकेली छात्रा हूं शिक्षकों द्वारा मुझे पूरा ध्यान देते हुए पढ़ाया जाता है। उल्लेखनीय है कि जिले में उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने हेतु 14 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। जिसमें नवीन 06 स्कूलों को इस शिक्षा सत्र से प्रारंभ किया गया है। जिससे अब इनकी संख्या 20 हो गयी है। जिसमें जिले के 7 हजार से अधिक बच्चे अध्ययनरत है। जिले के सुदूर संवेदनशील ग्रामों जैसे कोनगुड़, धनोरा, मर्दापाल में भी अब उत्कृष्ट शिक्षा बच्चों को प्राप्त हो रही है।