मणिपुर पर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव मंजूर, लोकसभा स्पीकर बोले- सभी दलों से बातचीत के बाद बहस का वक्त तय करेंगे

लोकसभा में बुधवार को कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने मंजूरी दे दी। कांग्रेस मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा चाहती है। पार्टी का कहना है कि PM नरेंद्र मोदी को इस मसले पर सदन में जवाब देना चाहिए।

स्पीकर ने नियमों के तहत जरूरी 50 से ज्यादा सांसदों की गिनती के बाद कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर बहस का समय सभी दलों से बातचीत के बाद तय किया जाएगा। विपक्षी सासंद नारेबाजी करते हुए PM मोदी की मौजूदगी की मांग करने लगे। इसके बाद लोकसभा 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।

इससे पहले मणिपुर के मसले पर लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा हुआ और दोनों सदन दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दिए गए। लोकसभा में दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।

उधर, राज्यसभा में भी कार्रवाई दोबारा शुरू हुई। लेकिन विपक्षी सांसद लगातार वी वॉन्ट जस्टिस, PM मोदी जवाब दो… के नारे लगाते रहे।

अविश्वास प्रस्ताव पर सांसदों के बयान….

  • संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल- पहले वे चर्चा चाहते थे। जब हम तैयार हुए, तो उन्होंने नियमों का मुद्दा उठाया। अब वे नया मुद्दा लेकर आए कि पीएम आकर चर्चा शुरू करें। मुझे लगता है ये सभी बहाने हैं।
  • शिव सेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी- अगर पीएम को संसद में लाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो हम इस देश की बहुत बड़ी सेवा करेंगे।
  • राजद सांसद मनोज झा- हम जानते हैं कि संख्याएं हमारे पक्ष में नहीं, लेकिन लोकतंत्र सिर्फ संख्याओं के बारे में नहीं है। शायद अविश्वास प्रस्ताव के बहाने उन्हें कुछ बोलने पर मजबूर किया जा सकता है। यही सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।

अविश्वास प्रस्ताव के पीछे विपक्ष का मकसद क्या ?


विपक्ष जानता है कि सरकार सदन में आसानी से बहुमत साबित कर देगी, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव मंजूरी के बाद प्रधानमंत्री का भाषण भी होगा।

अगर आंकड़ों की बात करें, तो अभी लोकसभा में NDA के 335 सांसद हैं। मोदी सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव 20 जुलाई 2018 में आया। तब सरकार को 325, विपक्ष को 126 वोट मिले थे।