दंतेवाड़ा,17 जुलाई । आदिम जाति तथा अनुसूचित जनजाति विकास विभाग मंत्री मोहन मरकाम सोमवार को जावांगा में हरेली त्यौहार में शामिल हुए साथ ही छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के द्वितीय सीजन की शुरुआत की। सर्वप्रथम उन्होंने सरस्वती माता, छत्तीसगढ़ महतारी एवं दंतेश्वरी मां की छायाचित्र पर पूजा अर्चना कर माल्यार्पण किया। तत्पश्चात छत्तीसगढ़ी राज्य गीत अरपा पैरी के धार गीत के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। हरेली त्यौहार के अवसर पर बच्चों ने गेड़ी पर चढ़कर पारंपरिक वेशभूषा धारण किए मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति भी दी। मंत्री ने बच्चों के साथ प्रश्नोत्तरी खेल भी खेला जिसमें बच्चों ने बड़ी उत्सुकता से अपनी सहभागिता दिखाई सही जवाब देने वाले विद्यार्थियों को मंत्री मरकाम ने अपने तरफ से पुरस्कार राशि भी प्रदान की। इसके साथ ही नृत्य, और स्वागत गीत पर बच्चों को 1-1 हजार की राशि भी प्रदान की। आज मंत्री मरकाम ने जिले में छत्तीसगढि़या ओलंपिक की शुरुआत करते हुए गिल्ली डंडा खेला साथ ही बच्चों के साथ गेड़ी भी चढ़कर पारंपरिक खेल का आनंद लिया। इस अवसर पर मंत्री मरकाम को स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया।
इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य सुलोचना कर्मा, वरिष्ट जनप्रतिनिधि विमल सुराना, गीदम जनपद अध्यक्ष अन्ती वेक, नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती साक्षी सुराना, अन्य जनप्रतिनिधिगण, पुलिस अधीक्षक गौरव राय, जिला पंचायत सीईओ कुमार बिश्वरंजन, सहित अन्य अधिकारीगण एवं स्कूली छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। मंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि हरेली त्यौहार छत्तीसगढ़ का पहला त्यौहार है उन्होंने हरेली की बधाई देते हुए कहा कि हर जगह की अलग अलग रीति परंपरा होती है मुख्यमंत्री के द्वारा बोली, खान पान के आधार पर त्यौहार मना रहे हैं। देश विदेश में भी छत्तीसगढ़ को अलग पहचान मिल रही है। साथ ही सुदूर अंचल के बच्चे आज विभिन्न क्षेत्र में सेवा देते हुए राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर में अपनी पहचान बना रहे हैं। जिले के बच्चे भी एनआईटी, प्रतियोगी परीक्षा में सफल हो रहें है ये गौरव की बात है उन्होंने बच्चों को समय और अवसर का सदुपयोग करते हुए जीवन में आगे बढ़ने की बात कहते हुए कहा कि कोशिश करते रहिए सफलता जरूर मिलेगी। विधायक श्रीमती देवती महेन्द्र कर्मा ने त्यौहार और खेल के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। साथ ही स्थानीय बोली में संबोधित करते हुए सभी को त्यौहार की बधाई दी।
कलेक्टर विनीत नंदनवार ने हरेली की बधाई देते हुए कहा कि आज से मुख्यमंत्री के द्वार छत्तीसगढि़या ओलंपिक की शुरुआत हो रही है यह हमें पारंपरिक खेलों से जोड़ता है। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि आधुनिकता के दौर में आज बच्चे सोशल मीडिया में अपना अधिक समय व्यतीत करते हैं वे अपने समय का सदुपयोग करें नए सत्र में वो तकनीकी से बाहर निकल पारंपरिक खेल खेलें, खेल से शरीर स्वस्थ रहेगा। उन्होंने कहा कि खेल के साथ पढ़ाई भी महत्त्वपूर्ण है मेहनत और लग्न से सफलता निश्चित है। उन्होंने बच्चों के भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि खेल के साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी जिले, राज्य का नाम रोशन करें। अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी हरेली के अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं दी।
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