बाजार में मिल रही घटिया दवाएं! 84 बैच हुए फेल, क्या आपकी दवा भी शामिल है?

मुंबई :आजकल मार्केट में मिलने वाली दवाओं में कई दवाएं घटिया और नकली बिक रही है. बाजार में मिलने वाली कई दवाएं नकली मिल रही है. ये दवाएं स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक हैं.

आज मार्केट में मिलने वाली दवाएं जान से खिलवाड़ कर रही है. अगर आप कोई दवा ले रहे हैं, तो सावधान हो जाइए. हाल ही में हुई सरकारी जांच में 84 दवाओं के बैच फेल हो गए हैं. इनमें एसिडिटी, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज और इंफेक्शन जैसी बीमारियों की दवाएं भी शामिल हैं. जो लाखों लोग रोज़ाना इस्तेमाल करते हैं. यानी दवाएं बीमारी ठीक करने की बजाय आपकी सेहत बिगाड़ भी सकती हैं.

नई दवाओं की मंजूरी देने वाली शीर्ष संस्था सीडीएससीओ ने बाजार में बेची जा रही नकली और पैरामीटर पर खड़ी नहीं उतरने वाली दवाओं को लेकर अलर्ट जारी किया है. अधिकारियों ने कहा “एनएसक्यू और नकली दवाओं की पहचान करने की यह एक्शन राज्यों के सहयोग से किया जाता है. इससे नकली और खराब दवाओं की पहचान की पहचान कर मार्केट से उसे हटाया जाता है.

सीडीएससीओ के नए आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2024 में की गई कार्रवाई में विभिन्न कंपनियों की ओर से निर्मित दवाओं के 84 बैचों को ‘मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं पाया गया है. इसमें एसिडिटी, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज और बैक्टीरिया और वायरस जैसी कुछ दवाएं शामिल हैं. दरअसल, CDSCO हर महीने बाजार से अलग-अलग दवाओं के सैंपल की जांच करती है. अगर कोई दवा तय मानकों पर खरी नहीं उतरती तो उसे “नॉट-ऑफ-स्टैंडर्ड क्वालिटी” (NSQ) यानी घटिया दवा घोषित किया जाता है. दिसंबर 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, 84 बैच खराब पाए गए, जिनमें कई आम बीमारियों के लिए दी जाने वाली दवाएं शामिल हैं.

कैसे होती है खराब दवाओं की पहचान?
सरकार जिन दवाओं के सैंपल उठाती है, उनकी लैब टेस्टिंग होती है. अगर कोई दवा तय क्वालिटी टेस्ट में फेल हो जाती है तो उसे NSQ घोषित कर दिया जाता है. कई बार दवाओं में जरूरी तत्व सही मात्रा में नहीं होते तो कभी-कभी उनमें जहरीले केमिकल तक मिल जाते हैं.

अब और सख्त हुए नियम!
CDSCO ने अब दवा निरीक्षकों के लिए नए नियम बना दिए हैं. अब हर इंस्पेक्टर को हर महीने कम से कम 10 सैंपल लेने होंगे—9 दवाओं के और 1 मेडिकल डिवाइस या कॉस्मेटिक प्रोडक्ट का. इससे घटिया दवाओं को जल्दी पहचाना जा सकेगा.

आपको क्या करना चाहिए?
हमेशा भरोसेमंद कंपनी की दवा ही खरीदें.दवा की एक्सपायरी डेट चेक करना न भूलें. डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा न लें. अगर दवा लेने के बाद कोई दिक्कत महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि खराब और नकली दवाएं बाज़ार से हटाई जाएं, लेकिन अपनी सेहत की ज़िम्मेदारी हमें खुद भी लेनी होगी. अगली बार दवा खरीदने से पहले थोड़ा सतर्क रहें, क्योंकि आपकी सेहत से बढ़कर कुछ नहीं.