धनेश्वर रजवाड़े,कोरबा,09 जलाई (वेदांत समाचार )। सावन माह में शिव पूजन का विशेष महत्व है।शिव भक्त बड़ी संख्या में शिव मंदिरों में पूजा अर्चना करने के लिए जाते हैं और जलाभिषेक करते हैं। कोरबा जिले के विकासखण्ड करतला अंतर्गत कनकेश्वरधाम में आज रात से सावन के पहले सोमवार भक्तों का रेला उमडे़गा। बड़ी संख्या में पहुंचे शिवभक्तों एवं कांवड़ियों के द्वारा शिवलिंग का जलाभिषेक किया जाएगा। मनोकामना पूरी करने पूजा अर्चना का सिलसिला सावन के पहले दिन से ही शूरु हो चुका है। ग्राम कनकी जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ग्राम कनकी छत्तीसगढ़ में कनकेश्वरधाम के नाम से प्रसिद्ध है। क्योंकि यहां भगवान शिव का पुराना मंदिर स्थित है, जहां सावन में हजारों श्रद्धालु कनकेश्वर महादेव के दर्शन पूजन के लिए आते हैं।
यह जगह शिव मंदिर के अलावा प्रवासी पक्षियों के लिए भी प्रसिद्ध है। वैसे तो इस मंदिर को 13वीं शताब्दी का कहा जाता है, लेकिन पुरातात्विक विभाग ने इसकी पुष्टि नही की है। फिर भी मंदिर की दीवारों और चौखटों पर पुरातात्विक मंदिरों तुमान, पाली जैसे सुंदर उत्कीर्णन और आकृति देखने को मिलती है। मंदिर को छत्तीसगढ़ पुरातत्व विभाग द्वारा एक संरक्षित मंदिर का दर्जा प्राप्त है। मंदिर का उत्पत्ति का अलग-अलग इतिहास है। किंवदंती है कि एक काली गाय उफनती नदी को पार कर घने वन के बीच एक स्थान पर स्थित टीला पर प्रतिदिन दूध गिराने जाती थी। एक दिन ग्वाला उस गाय का पीछा करते हुए उस स्थान पर पहुंच गया जहां गाय रोज दूध गिराती थी। उसने देखा कि गाय यहां टीला पर दूध गिरा रही है। वह गुस्से से गाय को डंडे से पीटने लगा कि ये यहां रोज आकर सारा दूध गिरा देती है और बछड़ा दिनों दिन सूखता जा रहा है।
उस ग्वाले ने जिस जगह दूध गिरा वहां भी डंडे से प्रहार किया और वहां से कुछ टूटने की आवाज आई। उस जगह चांवल का टुकड़ा या कनकी का दाना पड़ा हुआ था। वहां से आने के बाद रात को भगवान शिव ग्वाले के स्वप्न आये और बोले कि जिस जगह गाय रोज दूध गिराती थी उस जगह पर मैं था। तुम उस जगह जाओ और मेरी पूजा अर्चना करो। जब उस जगह साफ सफाई की गई तो वहां एक शिवलिंग मिला। जिसके कारण यहां एक मंदिर बनवाया गया और कनकी या चांवल के दाने के आसपास होने के कारण इसे कनकेश्वर महादेव मंदिर कहा गया। तब से यहां श्रावण मास एवं महाशिवरात्रि में भव्य मेला लगता है। जहां कोरबा जिले सहित आसपास क्षेत्र एवं दूसरे राज्यों से लोग हजारों की संख्या में स्वयंभू महादेव का दर्शन करने आते हैं। लोगों की सुरक्षा एवं देखभाल के लिए युवा संगठन कनकेश्वर सेवा समिति हमेशा आगे रहते हैं।
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