IPS Dipka के बच्चों ने जाना समाज में डॉक्टर्स का महत्व, डॉक्टरों से सीखी स्वस्थ जीवन शैली के उपाय

कोरबा, 4 जुलाई । आई.पी.एस. दीपका में डॉक्टर्स डे के अवसर पर विशेष रूप से चिकित्सकों को आमंत्रित किया गया था । सर्वप्रथम आई.पी.एस. के विद्यार्थियों ने आगंतुक चिकित्सकों का पुष्प गुच्छ से स्वागत किया तत्पश्चात कर्णप्रिय स्वागत गीत के द्वारा चिकित्सकों का स्वागत किया । विद्यार्थियों के द्वारा डॉक्टर्स के सम्मान में आकर्षक नृत्य की प्रस्तुति दी गई । कार्यक्रम की अगली कड़ी में सभी उपस्थित डॉक्टर्स का मैडल, श्रीफल एवं शॉल से सम्मान किया गया । कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. सुरजीत सिंह, डॉ. कुंभकार, डॉ.अशोक सिंह, डॉ. सरफराज, डॉ.आफताब सिद्दकी, डॉ..आशीष अग्रवाल,डॉ अनु मोहन उपस्थित थे । विद्यालय के नृत्य शिक्षक श्री राम सर एवं हरि सर के द्वारा आकर्षक शिव तांडव नृत्य प्रस्तुत किया गया ।


डॉ. कुम्भकार ने अपने उद्बोधन में कहा कि मरीजों को दर्द को दूर करना हमारी पहली प्राथमिकता होती है । जीवन बिना लक्ष्य के अधुरा है । यदि हमें मंजिल पाना है तो कठिनाइयों से घबराना नहीं चाहिए । एक अच्छे अभिभावक कभी भी अपने बच्चों की तुलना अन्य बच्चों से नहीं करते । एक अच्छा अभिभावक अपने बच्चों के खुबियों को उभार कर लगातार उन्हे मोटिवेट करते हैं । डॉ. गुप्ता एक आर्किटेक्ट हैं जो निरंतर विद्यालय को बुलंदियों की ओर ले जा रहे हैं।

डॉ. अशोक सिंह ने कहा कि डॉक्टर की डिग्री से ज्यादा महत्वपूर्ण डॉक्टर के फर्ज को समझना है । हमें मरीजों के दर्द को समझना होगा, हमें निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर अपने फर्ज को निभाना चाहिए। डॉ. आशीष अग्रवाल ने कहा कि हमें पढ़ाई के साथ-साथ प्रत्येक पाठ्य सहगामी क्रियाओं में भाग लेकर अपनी प्रतिभाओं को निखारना चाहिए । हमें अपनी रूचियों के अनुसार विषय का चयन कर भविष्य की योजना बनानी चाहिए ।

डॉ. सुरजीत सिंह ने कहा कि हमें आने वाले समय के लिए तैयार रहना होगा । कोरोना काल ने मानव सभ्यता को बहुत बड़ा सबक सिखाया है । हमें अपने खान-पान के साथ-साथ अपने पर्यावरण की स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। डॉक्टर्स का योगदान किसी भी शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता । हमें डॉक्टर्स पर हमेशा विश्वास करना चाहिए। डा.आफताब सिद्दीकी ने कहा कि हम भगवान तो नहीं पर भगवान को स्मरण कर हर मरीज के अच्छे स्वास्थ्य का प्रयास ही कोशिश रहती है । हमें एक डॉक्टर्स होने के नाते कभी भी अपने स्वार्थ को सर्वोपरि नहीं रखना चाहिए।सेवा ही हमारा कर्तव्य होना चाहिए।


डॉ सरफराज ने कहा कि प्रत्येक मरीज के दर्द को महसूस कर बेहतर इलाज करना ही हमारी प्राथमिकता होती है। हमें हमेशा अपने दिमाग में सेवा व स्वास्थ्य को ही स्थान देना चाहिए और यही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। डॉक्टर बनना ही अपने आप में भगवान के द्वारा दिया गया एक अच्छा अवसर है। डॉ.अनुज मोहन ने कहा कि मंजिल प्राप्त करने के लिए हार्डवर्क बहुत आवश्यक,हर किसी की जिंदगी हमारे लिए महत्वपूर्ण होती है । हमारा एकमात्र उद्देश्य सभी के अच्छे स्वास्थ्य का प्रयास ही होता है।हमें हर व्यक्ति के स्वास्थ्य की चिंता होनी चाहिए क्योंकि हम डॉक्टर हैं।

आगंतुकों चिकित्सकों ने आईपीएस के विद्यार्थियों को स्वस्थ जीवन शैली के बारे में बताया । चिकित्सकों ने बताया कि यदि हम अपनी दिनचर्या में नियमित रूप से योग, संतुलित आहार और कसरत को शामिल कर लें तो बेशक हम बीमार नहीं पड़ेंगें ।चिकित्सक लोगों के इलाज हेतु निस्वार्थ रूप से सेवा करता है और प्रत्येक मरीज चिकित्सक के लिए महत्वपूर्ण होता है । चिकित्सक कोई भगवान तो नहीं है लेकिन भगवान से कम भी नहीं माना जाता । हमें चिकित्सकों के महत्व को समझना चाहिए ।


प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया । कार्यक्रम का संचालन कुमारी रितिका शुक्ला एवं कुमारी यामिनी सिंह ने किया एवं कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन कुमारी रितिका शुक्ला ने प्रस्तुत किया । अतिथियों के द्वारा विद्यालय परिसर में फलदार वृक्षों का रोपण कर पर्यावरण सुरक्षा एवं संरक्षण का भी संदेश दिया गया ।
इंडस पब्लि स्कूल के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता जी ने कहा कि डॉक्टरों को अपनी जिम्मेदारियों को महससू करने के अलावा लोगों को भी इसे पहचानना चाहिए और समझना चाहिए कि वे भी एक इंसान हैं बल्कि डॉक्टर लोगों के स्वास्थ्य की भलाई के लिए जो प्रयास करते हैं, उनके इस महान काम के लिए हमें उनकी सराहना करना चाहिए ।इस महत्वपूर्ण दिन को मनाने के बहुत सारे कारण हैं । सभी डॉक्टर मानवता की सेवा करने और उन लोगों की जरूरतों को पूरा करने के महान आदर्शों के साथ अपना पेशेवर जीवन शुरू करते हैं, हालांकि कुछ चिकित्सक इस विचारों की दृष्टि पर खरे नहीं उतरते हैं और भ्रष्ट और अनैतिकता का रास्ता अपना लेते हैं ।

इस प्रकार डॉक्टर दिवस पर डॉक्टरों को अपने स्वयं के करियर पर एक बार प्रतिबंधित करने के लिए उन्हे उनकी जिम्मेदारीका एहसास कराया जाता है जिससे वे उन लोगों की जरूरत के मुताबित इलाज करने के एक नैतिक मार्ग पर खुद को पुनः अनुप्रेषित करते हैं ।