छत्तीसगढ़ी म ‘‘राज-काज’’ का प्रशिक्षण

उत्तर बस्तर ,27 जून  छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग रायपुर की ओर से आज जिला पंचायत कांकेर में छत्तीसगढ़ी म ‘‘राज-काज’’ का प्रशिक्षण दिया गया। मास्टर ट्रेनर्स डॉ. चितरंजन कर द्वारा राजभाषा आयोग के सचिव डॉ. अनिल कुमार भतपहरी व समन्वयक प्रदीप पाण्डेय तथा जिले के साहित्यकारों, कार्यालय प्रमुख अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति में प्रशिक्षण प्रदान किया गया। 

प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी बहुत मयारू भाषा है, राज-काज में छत्तीसगढ़ी भाषा का उपयोग किया जाएं। छत्तीसगढ़ी बोलने में हीन भावना नहीं आनी चाहिए। अपनी भाषा की ज्ञान के बिना अन्य भाषाओं का ज्ञान नहीं हो सकता। अपने भाषा को पहले समृद्ध करें, तभी हम अन्य बोली-भाषा को सीख सकते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा कमजोर नहीं है। छत्तीसगढ़ के 20 बोली-भाषा को पाठ्य पुस्तकों में समाहित किया जा चुका है। घर में अपने बच्चों से छत्तीसगढ़ी में बात करें, उन्हें छत्तीसगढ़ी सिखायें, छत्तीसगढ़ी सिखने में सबसे बड़ा शिक्षक मां-बाप होता है।

इस अवसर पर संयुक्त कलेक्टर गौरीशंकर नाग ने भी संबोधित किया। डी.डी. मानिकपुरी ने छत्तीसगढ़ी में अपनी कविता सुनाई। कार्यक्रम का संचालन छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग के समन्वयक प्रदीप पाण्डेय ‘ललकार’ की ओर से किया गया। इस अवसर पर वन मंडलाधिकारी आलोक बाजपेयी व शशिगानंदन सहित जिले के सभी कार्यालय प्रमुख अधिकारी व जिला कार्यालय व जिला पंचायत के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।