पटना । बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि बच्चों को उनके लक्ष्य के बारे में स्पष्टता होनी चाहिए। उन्हें सिर्फ नौकरी और जीवन की सुख-सुविधाएं हासिल करने तक ही अपने को सीमित नहीं रखकर समाज के लिए कार्य करने के बारे में भी सोचना चाहिए।
पटना के बापू सभागार में आयोजित नालन्दा खुला विश्वविद्यालय के 16 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उपाधि प्राप्त करनेवाले छात्र-छात्राओं से राज्यपाल ने कहा कि वे अपनी योग्यता और मेधा का उपयोग समाज और देश के हित में करें। राज्यपाल आर्लेकर ने कहा कि बच्चों को उनके लक्ष्य के बारे में स्पष्टता होनी चाहिए। उन्हें सिर्फ नौकरी और जीवन की सुख-सुविधाएँ हासिल करने तक ही अपने को सीमित नहीं रखकर समाज के लिए कार्य करने के बारे में भी सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि आनेवाला समय उनकी राह देख रहा है।
राज्यपाल उन्हें अपने लक्ष्य का निर्धारण इस प्रकार करना चाहिए कि वे आगामी 25 वर्षों के अमृतकाल में देश की प्रगति में अपना सर्वोत्तम योगदान दे सकें। यह सोचने के बजाय कि देश ने हमें क्या दिया, हमें यह सोचने की जरूरत है कि हमने देश को क्या दिया। राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं से कहा कि प्रारंभ से लेकर आज के दीक्षांत समारोह में उपाधि हासिल करने तक की यात्रा में उन्हें समाज के अनेकानेक लोगों का विभिन्न प्रकार से सहयोग मिला है। अब उनका दायित्व है कि वे उनकी चिंता करें और उनके लिए कुछ करें।
राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में सफल छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान करने के अतिरिक्त उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 27 छात्र- छात्राओं को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। उन्होंने उन्हें भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि वे अपने माता-पिता, अभिभावकों तथा गुरूजन की उम्मीदों को पूरा करेंगे।
कार्यक्रम में राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्यू, दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय, गया के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह, नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के. सी. सिन्हा, प्रतिकुलपति प्रो. संजय कुमार, कुलसचिव डॉ. हबीबुर्र रहमान एवं कुलसचिव (परीक्षा) डॉ. नीलम कुमारी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
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