युवक की ‘हिरासत में मौत’ का आरोप, पुलिस कठघरे में, पढ़ें पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट

चेन्नई I तेनकासी जिले में पुलियांगुडी पुलिस की हिरासत में बंद अनुसूचित जाति के एक युवक की मौत के बाद तमिलनाडु पुलिस कटघरे में है। थंगासामी (23) को एक महिला को अवैध बिक्री के लिए कथित तौर पर शराब की बोतलें सप्लाई करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। बाद में बेचैनी की शिकायत के बाद उसे तिरुनेलवेली मेडिकल कॉलेज अस्पताल (टीवीएमसीएच) लाया गया। युवक की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उसके शरीर पर सात अनियमित लाल-भूरे रंग के खरोंच के निशान पाए गए। रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि चोटें मौत के तीन से चार दिन पहले लगी थीं।

तिरुनेलवेली मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने मौत के कारणों का खुलासा नहीं किया क्योंकि विसरा की रासायनिक विश्लेषण रिपोर्ट और उत्तकों की हिस्टोपैथोलॉजिकल जांच रिपोर्ट नहीं आई है। कस्टोडियल टॉर्चर के खिलाफ ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने आरोप लगाया कि पेरुमपालपुरम पुलिस पोस्टमॉर्टम के वीडियो फुटेज के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रही थी। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भाकपा (माले) के अधिवक्ता रमेश ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन ने पोस्टमॉर्टम के दौरान पीड़िता के परिवार को वीडियो फुटेज उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया।

उन्होंने कहा कि 2020 के मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, हिरासत में मौत के पीड़ितों के रिश्तेदारों को उनके शरीर की वीडियोग्राफी करने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि शहर के पुलिस कर्मियों ने थंगासामी के परिजनों द्वारा शूट किए गए पोस्टमॉर्टम के वीडियो को डिलीट कर दिया। रमेश ने कहा कि स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रमुक सरकार के आश्वासन के बाद भी कि हिरासत में कोई यातना नहीं दी जाएगी, पुलिस हिरासत में यातना का सहारा ले रही है।

एक खामोशी के बाद कथित रूप से हिरासत में प्रताड़ना से अनुसूचित जाति के एक युवक की मौत ने तमिलनाडु पुलिस को कठघरे में खड़ा कर दिया है। सेंटर फॉर पॉलिसी एंड डेवलपमेंट स्टडीज के निदेशक सी. राजीव ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, तमिलनाडु पुलिस को मौत का सही कारण बताना होगा और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला है कि चोटें तीन से चार दिन पुरानी हैं। थंगासामी को 11 जून को हिरासत में ले लिया गया था, जबकि 14 जून को उसका निधन हो गया था। एक गहन जांच समय की आवश्यकता है और सरकार में उन लोगों को पुलिस द्वारा इस तरह के अमानवीय कार्यो के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

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