छत्तीसगढ़ सरकार ने पटवारियों की दो मांगे मानी, हड़ताल अवधि का कटेगा वेतन

रायपुर,17 जून । एक माह तक चली पटवारियों की हड़ताल समाप्त होने के बाद शासन ने उनकी दो मांगों को मान लिया है। अब पटवारियों पर एफआइआर से पहले विभागीय जांच होगी। इसका आदेश जारी कर दिया गया। साथ ही ग्रेड पे 2,200 से बढ़ाकर 2,400 रुपये कर दिया गया है।

हड़ताली पटवारियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने अपनी आठ मांगों को रखा था। इसमें पटवारी परीक्षा, स्टेशनरी भत्ता, सिस्टम में त्रुटी सुधार का अधिकार एसडीएम को देने की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने इस मांगों पर परीक्षण कराने का आश्वासन दिया है। भू-अभिलेख शाखा की ओर से सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है।

बताया जा रहा है कि स्टेशनरी, कंप्यूटर और 1500 रुपये भत्ता दिए जाने की मांग पहले से ही बजट में शामिल कर ली गई है। जिसका परिपालन निकट भविष्य में संभव है। इसके अलावा पटवारियों की मांगों में मुख्यालय निवास यानी कि हल्का छोड़कर पटवारी मुख्यालय में रहें, अतिरिक्त प्रभार और पटवारी योग्यता स्नातक को अव्यवहारिक बताकर इन्हें सिरे से खारिज कर दिया गया है। वहीं, हड़ताल की अवधि में पटवारियों के वेतन में कटौती सीधे तौर पर होती दिखाई दे रही है। क्योंकि ऐसी स्थिति में दो ही रास्ते हैं। या ताे शासन इसे अवैतनिक करे या फिर इनकी छुट्टियों में कटौती करे। दोनों ही परिस्थितियों में नुकसान पटवारियों को होना ही है।

आपस में ही भिड़े राजस्व पटवारी संघ के सदस्य
हड़ताल खत्म होने के बाद शुक्रवार को भाठागांव में पटवारी संघ द्वारा बैठक आयोजित की गई थी। इसमें हड़ताल वापसी को लेकर संघ के सदस्यों से चर्चा नहीं किए जाने का मुद्दा उठा और पटवारी आपस में ही भिड़ गए। इसी बीच राजस्व पटवारी संघ के अध्यक्ष भागवत कश्यप हड़ताल खत्म करने की सूचना देने के बाद सदस्यों से मिलने तक नहीं पहुंचे।

छग राजस्व विभाग सचिव एनएन एक्का ने बताया कि इसके लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नियम पहले से ही बनाए गए हैं। वेतन पर शासन की ओर से जो भी निर्णय आएगा, उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। हड़ताल अवधि दो स्थितियां बनती हैं। एक तो अवैतनिक या फिर छुट्टियों को समायोजित किया जाए, तीसरा विकल्प नहीं है

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