‘महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत आधार दे रहा है मनरेगा’

कोरिया ,14 जून  कोरिया जिले के साथ ही एमसीबी जिले में रोजगारमूलक कार्यों में महिला श्रमिकों की सहभागिता का प्रतिशत बढ़ रहा है, लगभग आधी आबादी अब मनरेगा के श्रममूलक कार्य में श्रमिकों के तौर पर भी आधी हिस्सेदारी निभा रही है।



महिलाओं के सहभागिता का प्रतिषत बढ़ने से मनरेगा के रोजगारमूलक कार्यों की मजदूरी सीधे उनके खातों में जा रही है और यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था की एक मजबूत कड़ी का निर्माण कर रही है। यह परिवर्तन धीरे धीरे रंग ला रहा है। पहले राज्य कार्यालय के निर्देष पर पचास प्रतिषत महिला मेटों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कार्य में नियोजित किया गया।



इसके बाद अधिकांश कार्यस्थलों पर महिला मेंट आ जाने से स्थानीय पंजीकृत महिलाओं का रोजगार में हिस्सा लेने का क्रम बढ़ने लगा। अब आप दोनों जिले के किसी भी ग्राम पंचायत में जाएंगे तो आपको मनरेगा के कार्यों में बहुतायत में महिला श्रमिक कार्य करती हुई मिलेंगी।



महिला श्रमिकों की बढ़ती सहभागिता पर जानकारी साझा करते हुए जिला पंचायत कोरिया के मुख्य कार्यपालन अधिकारी  डाॅ आशुतोष चतुर्वेदी ने बताया कि कलेक्टर कोरिया एवं एमसीबी के मार्गदर्षन में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में राज्य द्वारा निर्धारित मानक बिंदुओं पर लक्ष्य के अनुरूप प्रगति निरंतर प्रगतिमान है।


गत वित्तीय वर्ष में हमने लक्ष्य से बीस प्रतिशत ज्यादा मानव दिवस का सृजन किया था उसके अलावा महिलाओं के कार्य में हिस्सेदारी में भी लक्ष्य बनाकर निरंतर प्रगति की जा रही है। गत वर्ष सभी जगहों पर महिला मेटों को प्राथमिकता के आधार पर रखा गया था, उसके सकारात्मक परिणाम आने लगे हैं। अब महिला श्रमिक बहुतायत में कार्य करने के लिए आगे आ रही हैं।



कोरिया एवं एमसीबी जिलों के आंकड़े साझा करते हुए जिला पंचायत सीइओ डाॅ आशुतोष  ने बताया कि कोरिया जिले में 41 हजार 490 और एमसीबी में 79 हजार 783 जाब कार्ड धारी परिवार मनरेगा के तहत पंजीकृत हैं। इनमें से कोरिया में लगभग 64 हजार श्रमिक सक्रिय श्रमिक के तौर पर दर्ज हैं। जिनमें से 30 हजार से ज्यादा महिलाएं शामिल है।



वहीं एमसीबी जिले में 133 हजार सक्रिय श्रमिकों में से 64 हजार महिला श्रमिक सक्रिय हैं। अविभाजित कोरिया जिले में महिलाओं के भागीदारी प्रतिशत में सुधार पर जानकारी देते हुए  डाॅ आशुतोष ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021 से मार्च 22 के अंत तक जिले में महिला श्रमिकों का कुल अर्जित मानव दिवस का प्रतिशत 45 तक रूका हुआ था। इसके बाद वित्तीय वर्ष 2022 के अंत में मार्च 23 तक अर्जित मानव दिवस में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी और अविभाजित जिले में यह 48 प्रतिशत हो गया है।



इस दिशा मे निरंतर प्रयास किया जा रहा है और ज्यादा से ज्यादा महिला श्रमिकों को मनरेगा कार्यों में नियोजित किया जा रहा है। वर्तमान में कोरिया एवं एमसीबी जिले को मिलाकर कुल 1448 कार्य प्रगतिरत हैं और इनमें 36 हजार से ज्यादा श्रमिकों को उनकी मांग के आधार पर अकुषल श्रम करने का अवसर दिया जा रहा है। साथ ही इनमें 48 प्रतिषत महिलाओं की भागीदारी बनी हुई है। इसे वित्तीय वर्ष के अंत तक 50 के पार ले जाने की योजना है।



जिला पंचायत सीइओ ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिला श्रमिकों के सीधे कार्य करने से उन्हे जो मजदूरी राशि खातों में मिलती है वह उनके आर्थिक स्वतंत्रता की राह मजबूत करती है।