नई दिल्ली । केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने देश को आश्वासन दिया कि आने वाले मॉनसून के मौसम में भी कोयले की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि भारत का कोयला क्षेत्र हमारी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की बढ़ी हुई घरेलू मांग को पूरा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल), कोयला मंत्रालय द्वारा आयोजित भूमिगत कोयला खनन – सतत ऊर्जा सुरक्षा के लिए भविष्य का रास्ता विषय पर एक उच्च स्तरीय सम्मेलन और प्रदर्शनी को संबोधित करते हुए, प्रल्हाद जोशी ने सीआईएल से अगले 2-3 साल में कोयला निर्यातक के रूप में उभरने का आग्रह किया। मंत्री ने कोल इंडिया लिमिटेड और उसकी सहायक कंपनियों को रिकॉर्ड कोयला उत्पादन हासिल करने के लिए बधाई दी और कहा कि कोयला क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में काम करते हुए टिकाऊ खनन सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
श्री जोशी ने उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए कोयला खदानों में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ सुनिश्चित करने का आग्रह किया। मंत्री जी ने कहा कि भले ही विश्व अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से गुजर रही है, भारत विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरा है। श्री जोशी ने आगे कहा कि हाल के वर्षों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की विश्वसनीयता काफी बढ़ी है और हमारा देश दुनिया की फैक्ट्री के रूप में उभरा है। उन्होंने आने वाले वर्षों में देश की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कोयला क्षेत्र से उपयुक्त कार्य योजना तैयार करने का आह्वान किया।
मंत्री ने वाणिज्यिक कोयला खनन को बढ़ाने के लिए कोयला मंत्रालय द्वारा की गई नई पहलों और सुधारों की सराहना की। उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक नीलामी के तहत 87 कोयला ब्लॉकों की सफलतापूर्वक नीलामी की जा चुकी है और उनमें से कुछ ने उत्पादन शुरू कर दिया है। श्री जोशी ने कहा कि भूमिगत खदानों से कोयला उत्पादन बढ़ाने की नई रणनीतियों पर विचार-विमर्श सही दिशा में उठाया गया एक कदम है।
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