संकुल तक पहुंच रहीं किताबें और ड्रेस, वहां से स्कूल प्रबंधन ले जाएगा

शैक्षणिक सत्र 2023-24 की शुरुआत 16 जून से हो जाएगी। सत्र में स्कूल खुलने के साथ ही जिला शिक्षा विभाग ने नि:शुल्क किताबों के साथ ड्रेस बांटने की तैयारी कर ली है। एक ओर जहां किताबों का आवंटन पहले ब्लाक मुख्यालयों में फिर वहां से प्रत्येक संकुलों में हो रहा है, वहीं प्राथमिक व मिडिल स्कूलों के बच्चों को दिया जाने वाला ड्रेस भी पहुंच गया है। जिला को किताबों व ड्रेस का आवंटन बीते साल की कक्षाओं में दर्ज उपस्थिति के आधार पर हो रहा है। उसके बाद भी अगर किसी बच्चे को ड्रेस या किताब नहीं मिल पाती है, तो उसकी सूचना स्कूलों को देनी होगी। जिले में किताबों का वितरण समय पर नहीं होने के पीछे यहां स्थाई डिपो का नहीं होना है।

6 साल पहले यहां डिपो की व्यवस्था थी, लेकिन उसे बंद कर दिया गया, तब से बिलासपुर डिपो से किताबों की आपूर्ति की जाती है। समय पर वितरण हो सके, इसके लिए यहां अस्थाई डिपो जरूर बनाया गया है। जिला मुख्यालय में कोरबा ब्लाक का अस्थाई डिपो गवर्नमेंट मिडिल स्कूल अंधरीकछार है, इसी तरह कटघोरा, करतला, पाली व पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक में भी किसी न किसी एक स्कूल को अस्थाई डिपो बनाया गया है, जहां मई माह के पहले सप्ताह से किताबों का भंडार शुरू हो गया है।

इसी के साथ ही अब ड्रेस का का आवंटन भी मंगा लिया है। ब्लाक मुख्यालयों से संकुल तक के लिए परिवहन व्यय की व्यवस्था तो है, लेकिन संकुल से स्कूलों तक किताबों व ड्रेस उठाव करने पर कोई अलग से परिवहन व्यय की व्यवस्था नहीं है, इसलिए स्कूल प्रबंधन को सीधे उठाव करने कहा है। इसमें किसी तरह की कोताही होने पर स्कूल प्रमुखों पर कार्रवाई हो सकती है।

बीते शैक्षणिक सत्र की दर्ज संख्या के आधार पर मिलता है आवंटन
जिले में किताबों व ड्रेस का आवंटन बीते शैक्षणिक सत्र में स्कूलों में कक्षावार दर्ज बच्चों की संख्या के आधार पर होता है। लेकिन जब स्कूल खुलता है तो कहीं कहीं बच्चों की संख्या अधिक हो जाती है, जिसके कारण वहां कमी हो जाती है। ऐसे में इन स्कूलों से प्राप्त जानकारी के बाद ही वहां किताबों व ड्रेस का दूसरी खेप में आवंटन हो पाता है। जिसकी वजह से किताबें नहीं मिलने की शिकायतें होती रहती हैं। इसे भी व्यवस्थित किया जा रहा है।

10वीं तक के छात्रों को नि:शुल्क किताबें तो 8वीं तक बच्चों को ड्रेस
शासन ने सरकारी व निजी स्कूलों में अध्ययनरत पहली से 10वीं तक के छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क किताबें उपलब्ध कराई जाती हैं, जबकि पहली से 8वीं कक्षा के सरकारी स्कूलों के बच्चों किताबों के साथ गणवेश देने का भी प्रावधान है, ताकि सक्षम परिवार नहीं होने के कारण उनके बच्चों को पढ़ाई से वंचित नहीं होना पड़ेगा। एक तरह से स्कूली स्तर की शिक्षा से जोड़ने के लिए यह पहल की गई है।

16 से पहले सभी स्कूलों को हो जाएगा आवंटन : डीईओ
जिला शिक्षा अधिकारी जीपी भारद्वाज के अनुसार पाठ्य पुस्तकाें का वितरण शुरू कर दिया है। प्रत्येक स्कूलों तक 16 जून के पहले आवंटन करने कहा है। किताबों व ड्रेस वितरण का नियंत्रण ब्लाक मुख्यालय से किया जाएगा। पुस्तक या ड्रेस की कमी होने की सूचना मिलते ही आपूर्ति कराई जाएगी।