नईदिल्ली : भारत के स्टार ऑलराउंडर अक्षर पटेल का मानना है कि टी20 से टेस्ट फॉर्मेट में स्विच करना मुश्किल है, लेकिन खिलाड़ियों ने आईपीएल में रेड बॉल से प्रैक्टिस की थी। इससे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में मदद मिलेगी और जल्दी टेस्ट फॉर्मेट में ढल पाएंगे। भारतीय खिलाड़ी दो महीने से अधिक समय तक आईपीएल में टी20 क्रिकेट खेलने के बाद टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेलने लंदन पहुंचे हैं।
भारत में जहां टेस्ट खेलने के लिए एसजी गेंदों का इस्तेमाल होता है, वहीं इंग्लैंड में ड्यूक बॉल से टेस्ट मैच खेले जाते हैं। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल भी इसी गेंद से खेला जाएगा। पिछली बार न्यूजीलैंड के खिलाफ भी टीम इंडिया को ड्यूक बॉल से खेलने में परेशानी हुई थी। दूसरी पारी में भारतीय गेंदबाज विकेट नहीं ले सके थे। हालांकि, भारत फाइनल में मिलने वाली दोहरी चुनौतियों के लिए अच्छी तरह से तैयार है। ड्यूक बॉल को और बेहतर तरीके से जानने के लिए ‘मेन इन ब्लू’ इससे काफी प्रैक्टिस कर रही है।
अक्षर ने आईसीसी से बातचीत में कहा, ‘हम इसके बारे में आईपीएल शुरू होने से पहले ही जानते थे। इसलिए आईपीएल के दौरान भी चर्चा होती थी कि हम लाल गेंद से गेंदबाजी करेंगे। हमारे पास लाल गेंदें थीं, इसलिए हम उनका इस्तेमाल कर रहे थे। आप जानते हैं कि कब और कैसे खेलना है, आपके पास कितना समय है। सफेद गेंद से लाल गेंद की ओर मानसिक रूप से स्विच करना स्पष्ट रूप से कठिन है, लेकिन हमारे पास पर्याप्त समय है।’
अक्षर ने कहा- जिस तरह हम व्हाइट बॉल से रेड बॉल फॉर्मेट में स्विच करते हैं, उसी तरह एसजी से ड्यूक बॉल में स्विच करना होता है। आपको अपने टैलेंट और स्किल पर ध्यान देना होता है। सबसे बड़ी बात यह होती है कि अपने प्लान को अमल करना। गेंद कैसी भी हो, उसे सही लेंथ पर फेंकने पर ध्यान होना चाहिए। हम स्विच करने की ही कोशिश कर रहे हैं। चूंकि मैच इंग्लैंड में है, जो भारत से अलग है, हम योजना बना रहे हैं कि यहां कौन सी लाइन-लेंथ काम करेगी। अभ्यास में भी हम इन्हीं बातों का ध्यान रख रहे हैं।
भारतीय खिलाड़ियों का पहला जत्था, जिसमें विराट कोहली और अक्षर जैसे खिलाड़ी शामिल हैं, पिछले हफ्ते की शुरुआत में लंदन पहुंचे और फाइनल की तैयारी कर रहे हैं, जो 7 से 11 जून तक द ओवल में होगा। अक्षर ने कहा- जो लोग (आईपीएल प्लेऑफ के लिए) क्वालिफाई नहीं कर पाए उन्हें अधिक समय मिला। इसलिए मुझे नहीं लगता कि कोई समस्या होगी क्योंकि हमारे पास तैयारी के लिए अच्छा समय है।अंतर यह है कि ड्यूक बॉल अधिक समय तक चमकदार रहती है। लेकिन आईपीएल के दौरान हमने गेंद का ऑर्डर दिया था, इसलिए हम इसके साथ अभ्यास कर रहे थे और इसके आदी हो गए थे।
भारतीय टीम को तेज गर्मी में आईपीएल खेलने के बाद इंग्लैंड की अपेक्षाकृत ठंडी परिस्थितियों से जल्दी से सामंजस्य बिठाना होगा। अक्षर ने कहा- हम आईपीएल खेलकर आए थे, जहां भारत में तापमान 40-45 डिग्री था। उसके बाद यहां बहुत अच्छा लग रहा है। हमने अपने सर्दियों के कपड़े निकाल लिए हैं और जंपर्स पहनकर घूम रहे हैं। थोड़ी हवा भी चल रही है। हम जब भी यूके आते हैं , हम मौसम का आनंद लेते हैं। यह थोड़ा ठंडा रहता है, गर्मी नहीं होती है।
भारत की स्पिन के अनुकूल पिचों के विपरीत, इंग्लैंड की परिस्थितियां स्विंग गेंदबाजी के अधिक अनुकूल हैं। इस पर अक्षर ने कहा- जाहिर है, भारत और इंग्लैंड में स्थितियां अलग हैं। तेज गेंदबाजों की यहां अधिक भूमिका है। भारत में स्पिनर अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा- दोनों टीमों के लिए परिस्थितियां समान हैं। इंग्लैंड में हवा स्विंग गेंदबाजी में मदद करती है और अगर आप सही जगह पर गेंदबाजी करते हैं तो अच्छा उछाल मिलता है। टीम धीरे-धीरे एक साथ आ रही है। इसलिए योजना आगे बढ़ेगी। प्लान करने की जिम्मेदारी हम बॉलिंग कोच पर छोड़ देंगे।
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