मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना : किसानों ने पर्यावरण संरक्षण के साथ सीखे आय बढ़ाने के गुण

कलेक्टर, एसपी, डीएफओ, नपा अध्यक्ष सहित मॉस्टर ट्रेनर्स ने बताए इस योजना के लाभ

कवर्धा । पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के साथ किसानों के आय में बढ़ोत्तरी करने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई राज्य शासन की महत्वाकांक्षी मृख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का कबीरधाम जिले में बेहतर क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना के तहत अपनी निजी खेती में वृक्ष लगाने के लिए जिले के 500 किसान तैयार हो गए है। किसानों ने माना की पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन के साथ-साथ किसानों के आय में बढ़ोत्तरी करने के लिए यह योजना मिल का पत्थर साबित होगा।



वनमंत्री मोहम्मद अकबर के मंशानुरूप वन विभाग द्वारा इस योजना के चयनित किसानों के लिए गुरुवार को कवर्धा के पीजी कॉलेज ऑडिटोरियम में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। एक दिवसीय कार्यशाला में नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि कुमार शर्मा, जिला पंचायत सदस्य मुखीराम मरकाम, कलेक्टर जनमेजय महोबे, पुलिस अधीक्षक डॉ लाल उम्मेंद सिंह, वनमंडाधिकारी चुड़ामणि सिंह, मॉस्टर ट्रेनर्स राजेश नाहटा विशेष रूप से शामिल हुए। एक दिवसीय कार्यशाला में सभी अतिथियों ने इस योजना के बारे में चयनित किसानों को विस्तार से जानकारी दी और इस योजनाओं से जुड़ कर आने वाले दिनों में कृषि से ज्यादा आमदानी कैसी कमाई जा सकती है, इसके बारे में सभी पहलुओं की जानकारी दी गई। कार्यशाला में अतिथि वक्ता राजेश नाहटा ने योजना की विस्तृत जानकारी दी और औषधि पादक बोर्ड के अधिकारी प्रणय सिंह द्वारा कृषको को वृक्षारोपणा के मध्य स्थान पर सर्पगंधा , बा्रम्ही, बच, भृंगराज जैसे औषधि पौधे लगाने तथा उनसे प्राप्त होने वाले लाभ के संबंध में कृषको को जानकारी दी। कार्यशाला में कृषि विज्ञान केन्द्र, उद्यानिकी, कृषि एवं जल संसाधन के अधिकारियों ने किसानों को प्रशिक्षण दिया। उप वनमण्डलाधिकारी मधुसुदन डोंगरे ने कार्यक्रम का संचालन किया एवं आभार प्रदर्शन उप प्रबंध संचालन कवर्धा जे.एस.चौहान द्वारा किया गया।  



पर्यावरण संरक्षण और आय बढ़ाने में मिल का पत्थर साबित होगा : कलेक्टर
कलेक्टर जनमेजय महोबे ने इस एक दिवसीय कार्यशाला में योजना से जुड़े सभी पहलुओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होने कहा कि संपूर्ण कबीरधाम नैसर्गिंक एवं प्राकृतिक संसाधनों से  परिपूर्ण है। यह जिला खनिज, वन,जल संसाधन और पर्यावरण तथा प्राकृतिक पर्यटनों के विकास और बहुफसलीय खेती-बाड़ी को संजोए हुए निरंतर आगे बढ़ रहा है। उन्होने कहा कि विकास के इन सभी घटकों के साथ-साथ किसानों के लिए मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना किसानों के लिए कारगार साबित होगा। उन्होने कहा कि किसानों को आज इस कार्यशाला में इस योजना से जुड़ी सभी पहलुओं की गहनता से जानकारी दी जाएगी। किसानों को इस योजना को ऑनरशिप लेकर इस योजना से जुड़ना होगा। उन्हे यह योजना हमारी योजना है इस धेय से अपनाना होगा, ताकि इसका परिणाम और बेहतर और सुखद होगा।    



किसानों को मिलेगा वाणिज्यिक न्याय : नपा अध्यक्ष शर्मा
कवर्धा नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि कुमार शर्मा ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप वनमंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में किसानों, के आय में वृद्धि करने के उदे्श्य से वन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना शुरू की गई है। उन्होने कहा कि इस सरकार में किसानों,वनोपज से लेकर भूमिहीन कृषि मजूदर, गोपालकों के लिए न्याय की अलग-अलग योजनाएं शुरू की गई है। न्याय योजनाओं को और विस्तार देते हुए भूपेश सरकार ने किसानों के लिए यह मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना बनाई गई है। इस योजना से किसानों को वृक्ष से वाणिज्यिक न्याय का अधिकार मिलेगा। पहले किसानों को उनके खेतों में लगे पेड़ो को काटने के लिए अनुमति लेनी पड़ती थी। लेकिन इस योजना से जु़ड़कर किसान अपने निजी भूमि में वृक्ष लगा सकते है और आगे वाले वर्षों में उनका वाणिज्यिक उपयोग कर सकते हैं। निर्धारित मूल्य में किसानों से यह पेड़ खरीदी जाएगी और खुले बाजार में भी किसान अपने खेतों में लगे वृक्षों को विक्रय कर सकेंगे। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ की जंगल जमीन यहां के जैव विविधता, छत्तीसगढ़ की पहचान है। हमारी कला-संस्कृति, परम्पराएं, दर्शन, आध्यात्म, चितंन, इतिहास सब कुछ हमारा जंगल से जुड़ा हुआ है। छत्तीसगढ़ का वन पूरा देश का धरोहर है और वनों से पूरा देश का पर्यावरण जुड़ा हुआ है। हमारा जंगल, पर्यावरण और जंगल से जुड़े हमारी गौरव शाली संस्कृति बची रहे इस दिशा में सरकार पिछले चार वर्षो में लगातार कार्य कर रही है।  यह योजना देश में एक अनूठी योजना है, जिसमें वाणिज्यिक प्रजातियों का वृक्षारोपण कर निजी व्यक्ति, संस्था अथवा कम्पनियों के माध्यम से अधिकाधिक लाभ कमा सकते हैं। यह केवल वृक्षारोपण की योजना न होकर देश के जलवायु परिवर्तन की दिशा में भी हमारी सहभागिता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।



इस योजना से जुडे़ किसान आत्मनिर्भर बनेंगे : एसपी डॉ उमेंद सिंह
पुलिस अधीक्षक डॉ लाल उम्मेद सिंह किसानों को इस योजना की जानकारी दी। उन्होने कहा कि इस योजना से जुड़े किसानों के चेहरे में आज आत्मविश्वास देखी जा रही है।  किसानों का यह आत्मविश्वास उन्हे आगे वाले दिनों में आत्मनिर्भर बनाएगा। यह पहली बार ऐसे हो रहा है जब पेड़ों के सरंक्षण और संवर्धन के साथ आय में वृद्धि किसानों की कैसे हो सकेगी,इस विषय पर एक दिवसीय यह कार्यशाला हो रही है। उन्होने कहा कि किसान भाई इस योजना के बारे में बारिकी से प्रशिक्षण ले और इस योजना से जुड़ी कोई भी अन्य जानकारी के लिए वन विभाग मे ंसंपर्क कर प्राप्त किया जा सकता है। उन्होने कहा कि शासन योजनाएं बनाती है प्रशासन उन योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वयन कराती है। किसानों को इस योजना से जुड़ कर काम करना होगा। इस योजना के अनेक लाभ है, जिसे आज यहा बताई जा रही है।



किसानों के लिए सुनहरा अवसर : डीएफओ सिंह
डीएफओ चुड़ामणि सिंह ने कहा कि इस योजना से कृषको को अब वृक्ष लगने के बाद कटाई के समय होने वाले समस्याओ से निजात मिलेगी। कृषक वन विभाग के अधिकारियो तथा पौधा प्रदाय करने वाली सस्थाओं से त्रिपक्षीय करारनामा निष्पादित करेंगे। इसके फलस्वरूप कृषको को समय पर उच्चगुणवत्ता का पौधा उपलब्ध होगा। कृषको को कटाई उपरांत उचित मूल्य शासन उपलब्ध कराएगा। कृषक पर किसी प्रकार का दबाव नही रहेगा। उन्होंने बताया कि वह जब चाहे बिक्री कर सकता है। बाजार में अधिक मूल्य प्राप्त होने पर व्यापारियो को भी बेच सकते है। इससे कृषको को अधिक आय प्राप्त होगी। उन्होंने बताया कि 05 एकड़ तक की भूमि में टिशू कल्चर के बांस, सागौन, निलगीरी तथा सफेद चंदन एवं मिलिया डूबिया प्रजाति के लिए कृषको को 100 प्रतिशत अनुदान प्राप्त होगा। कृषको को केवल पौधो की सुरक्षा करनी है। इस प्रकार 12 वर्ष के बाद कृषक को प्रति एकड़ 30 से 35 लाख रूपए की आय संभावित है। इसके अतिरिक्त कृषक को कार्बन क्रेडिट की राशि भी प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र में रोपण के लिए कृषक को 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान प्रदाय किया जाएगा। जीवन दायिनी सकरी नदी का उद्धार होगा। स्वच्छ जल प्रवाहित होगा। 58 गांव के लगभग डेढ़ लाख लोगो को सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकती है।
मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना एक नजर में



मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना में कवर्धा जिले में अब तक 545 एकड़ जमीन इस योजना में चिन्हांकित की गई है, जिसमें सागौन 111300, निलगिरी 185500, बांस 74200, मिलिया डूबिया 762 तथा चंदन 160 के कुल 371922 पौधा रोपण किया जा रहा है जिसमें 500 हितग्राही लाभान्वित होंगे। इस योजना में मुख्यतः पांच प्रजातियों के अच्छी गुणवत्ता के पौधों का रोपण किया जाएगा। प्रजातियां जैसे कि टिशुकल्चर सागौन, टिशुकल्चर बांस, क्लोनल निलगिरी, मिलिया डूबिया, चंदन और अन्य फलदार प्रजातियों का रोपण किया जा रहा है। इसमें भूमि के शेष बचे हिस्से पर आवशयकतानुसार अन्य उद्यानिकी फसलों की खेती भी कर सकेंगे। शासन के द्वारा वृक्षों के उत्पादन का समर्थन मूल्य घोषित किया जाएगा और वृक्षों की कटाई एवं परिवहन, सहयोगी संस्था, निजी संस्था द्वारा करारनामा के माध्यम से किया जाएगा। अधिकतम 5 एकड़ तक रोपण व्यय का 100 प्रतिशत अनुदान के रूप में शासन द्वारा किसान के खाते में सीधे दिया जाएगा। इस योजना में विभाग द्वारा पौधे प्रदान कर तकनीकी जानकारी के साथ व्यवस्थित रूप से लगाने के लिए मार्गदर्शन दिया जाएगा। अन्य सभी कार्य किसान को स्वयं करना होगा। राज्य, केन्द्र या निजी संस्थान यदि इस योजनांतर्गत वृक्षारोपण करते है तो अनुदान की राशि 50 प्रतिशत होगी। अनुदान तीन वर्ष तक जीवित पौधों की संख्या के आधार पर देय होगा।