एंडोमेट्रियोसीस के लक्षणों को अनदेखा न करें स्त्री रोगी

रायपुर । महिलाओं में बढ़ रही एंडोमेट्रियोसीस बीमारी के संबंध में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इसमें महिलाओं से अनुरोध किया गया कि इसके शुरूआती लक्षणों को नजर अंदाज न करें। इस बीमारी का त्वरित इलाज उपलब्ध है।

जागरूकता कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने कहा कि सामाजिक कारणों से महिलाएं इस प्रकार की बीमारियों को अनदेखा करती हैं।

इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम से उन्हें अपने स्वास्थ्य के लिए आगे आकर चिकित्सकीय परामर्श लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि एंडोमेट्रियोसीस के इलाज की सभी सुविधाएं एम्स के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में उपलब्ध हैं।

विभागाध्यक्ष प्रो. सरिता अग्रवाल ने बताया कि इस बीमारी को आसानी से दवाइयों और सर्जरी की मदद से ठीक किया जा सकता है। इसका पता यूएसजी, रक्त जांच और सीटी स्कैन से लग सकता है।

कार्यक्रम के आयोजक डॉ. निलज बागड़े ने बताया कि एंडोमेट्रियोसीस में महिलाओं की प्रजनन अंग की एंडोमेट्रियम झिल्ली की परत मोटी हो जाती है जिसके कारण अनियमित मासिक धर्म, रक्त स्नाव, दर्द और बांझपन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

एम्स में इसके लिए विशेष क्लिनिक संचालित किया जा रहा है जिसमें हर माह औसतन 100 रोगी पंजीकृत हो रहे हैं।  

डॉ. विनिता सिंह के अनुसार कई रोगियों को सिर्फ दवा से ठीक किया जा सकता है। लगभग पांच प्रतिशत को ही सर्जरी की आवश्यकता होती है। इस अवसर पर रोगियों को जागरूकता वीडियो भी दिखाया गया और पोस्टर प्रदर्शनी भी आयोजित की गई।