Supreme Court ने यहाँ गांवों में हुए भूमि अधिग्रहण का बढ़ाया मुआवजा

नई दिल्ली। नोएडा के गांव गिझौर और होशियारपुर के उन भूस्वामियों के लिए बड़ी खुशखबरी है, जिनकी जमीनें 1990-1991 में अधिग्रहित हो गईं थी। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों गांवों में हुए भूमि अधिग्रहण का मुआवजा बढ़ा दिया है।

ने गिझौर गांव का मुआवजा 297 रुपये से बढ़ा कर 306 रुपये प्रति वर्गगज और होशियारपुर गांव का मुआवजा 216 रुपये से बढ़ाकर 306 रुपये प्रति वर्गगज कर दिया है। गिझौर गांव इस वक्त नोएडा के सेक्टर 53 में आता है और होशियारपुर गांव सेक्टर 52 में आता है।

भूस्वामी किसानों और नोएडा अथारिटी की याचिकाओं पर हुई थी सुनवाई

अधिग्रहित भूमि का मुआवजा बढ़ाने का यह फैसला न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेके महेश्वरी की पीठ ने भूस्वामी किसानों और नोएडा अथारिटी की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद 28 मार्च को दिए। इस मामले में गिझौर गांव के 151 और होशियारपुर गांव के 61 भूस्वामी किसानों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर हाई कोर्ट द्वारा तय किये गए मुआवजे को बढ़ाने की मांग की थी।

हालांकि, नोएडा अथॉरिटी ने भी याचिका दाखिल की थी और हाई कोर्ट द्वारा तय मुआवजे को कम करने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने भूस्वामी किसानों के वकील डॉक्टर राजीव शर्मा की दलीलें सुनने और नोएडा अथॉरिटी का पक्ष सुनने के बाद जमीन का मुआवजा बढ़ा कर 306 रुपये प्रति वर्ग गज कर दिया।

इस मामले में गिझौर गांव की जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना 1990 में निकली और 50 रुपये प्रति वर्गगज मुआवजा अवार्ड किया गया। जिसे रिफरेंस कोर्ट ने बढ़ाकर 126 रुपये प्रति वर्गगज कर दिया, फिर हाई कोर्ट ने और बढ़ा कर 297 रुपये प्रति वर्गगज कर दिया था।

दोनों पक्षों ने रखा अपना दलील

हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ नोएडा अथारिटी और भूस्वामी किसान दोनों ही सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। नोएडा अथॉरिटी ने हाई कोर्ट के मुआवजे को बहुत अधिक बताते हुए एक केस का हवाला से मुआवजा घटा कर 214 रुपये प्रति वर्गगज करने का अनुरोध किया था, जबकि किसानों के वकील राजीव शर्मा ने अथॉरिटी की दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि सिर्फ एक मामले को मुआवजा तय करने का आधार नहीं माना जा सकता क्योंकि उसके अलावा हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट बहुत से मामलों में ऐसी ही जमीनों के लिए 297 रुपये प्रति वर्गगज का मुआवजा दे चुके हैं।

शर्मा ने कहा कि गिझौर और होशियारपुर प्राइम लोकेशन की जमीन है जिसकी दिल्ली से दूरी ज्यादा नहीं है। होशियारपुर के मामले में हाई कोर्ट ने 216 रुपये प्रति वर्गगज का मुआवजा तय किया है, लेकिन दोनों ही मामलों में आसपास की जमीनों की कीमतों को देखते हुए मुआवजा बढ़ाया जाना चाहिए।

इससे सटे गांव छलेरा बांगर और मोरना में अधिग्रहित जमीनों का मुआवजा देखा जाए जो कि उससे बहुत ज्यादा था। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद दोनों ही गांवों में किये गए अधिग्रहण का मुआवजा बढ़ा कर 306 रुपये प्रति वर्गगज करने का आदेश दिया।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]