रेवाड़ी, 28 मार्च । अपनी ही नाबालिग बेटी का आठ साल तक यौन उत्पीड़न करने वाले पिता को फास्ट ट्रैक कोर्ट की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अर्चना यादव ने 25 साल की कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 35 हजार 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। गर्भवती होने पर नाबालिग का गर्भपात भी करा दिया था।पीड़िता ने बावल थाना में अप्रैल 2021 को पिता के विरुद्ध मामला दर्ज कराया था।
पुलिस को दी शिकायत में 16 अप्रैल 2021 को उत्तर प्रदेश की रहने वाली एक नाबालिग ने कहा था कि वह अपने पिता के साथ बावल क्षेत्र के एक गांव स्थित ईंट-भट्ठा पर रहती है। करीब आठ साल पहले उसकी मां की मौत हो गई थी। उस समय वह करीब नौ वर्ष की थी। मां की मौत के करीब एक माह बाद उसके पिता ने दुष्कर्म किया।
इसके बाद आरोपित पिता उसके साथ लगातार दुष्कर्म करता रहा था। इस दौरान वह गर्भवती थी हो गई थी। गर्भवती होने पर उसके पिता ने कोई दवा खिला दी थी, जिस कारण उसका गर्भपात हो गया था। 16 अप्रैल को नाबालिग अपने भाइयों के साथ झुग्गी के बाहर खेल रही थी। इसी दौरान उसके पिता ने अंदर बुलाया तथा दुष्कर्म का प्रयास किया था। मना करने पर पिता ने नाबालिग के साथ मारपीट शुरू कर दी थी।
22 गवाहों के दर्ज कराए गए बयान
डर के कारण नाबालिग वहां से भाग कर बावल थाना में पहुंच गई थी तथा पुलिस को मामले की जानकारी दी थी। पुलिस ने नाबालिग का मेडिकल कराने के बाद आरोपित पिता के विरुद्ध मारपीट, गर्भपात कराने व पोकसो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था। बावल थाना पुलिस ने जांच के बाद आरोपित पिता के विरुद्ध अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। पुलिस ने पीड़िता व उसकी बहन सहित 22 गवाहों के बयान अदालत में दर्ज कराए और साक्ष्य प्रस्तुत किए।
पुलिस द्वारा रखे गए साक्ष्यों व गवाहों के बयानों के बाद अदालत ने नौ मार्च को आरोपित पिता को बच्ची के यौन उत्पीड़न का दोषी करार दिया था। फास्ट ट्रैक कोर्ट की एएसजे अर्चना यादव ने दोषी पिता को पोकसो एक्ट में 25 साल की कैद व 35 हजार 500 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माना नहीं भरने पर दोषी को तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
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