बेटे की शादी में मिले उपहार को मजदूर पिता देगा वृद्धाश्रम में दान

रायगढ़ । शहर के कोतरा रोड में एक मजदूर के घर होने वाली शादी का निमंत्रण कार्ड इन दिनों चर्चा में है।
दरअसल, कापी कारखाने में काम करने वाले पिता ने अपने दूल्हे पुत्र को उपहार में मिले पैसों को वृद्धाश्रम में दान करने का ऐलान निमंत्रण पत्र में ही कर दिया है।

यही वजह है कि इस विशेष विनती को पढऩे वाले लोग नवदम्पत्ति को कैश गिफ्ट कर समाजसेवा की चाह रखने लगे हैं। एक कापी कारखाने में रोजी मजदूरी कर गृहस्थ रथ को खींचने वाले कोतरा रोड के मानिकपुरी गली निवासी मोहनदास मानिकपुरी के बेटे करण की शादी नवरंगपुर सारंगढ़ की उर्मिला के संग आगामी 30 मार्च को होनी है।

महंत परिवार के यहां होने वाले मांगलिक कार्यक्रम का निमंत्रण पत्र भी सामान्य तरीके से छपा है, लेकिन इसमें मोहनदास ने विशेष विनती को प्राथमिकता देते हुए जो कुछ लिखवाया, उसे पढऩे के बाद लोग महंत परिवार के विचार की दिल खोलकर सराहना कर रहे हैं।

करण संग उर्मिला के सात सूत्र में बंधने के निमंत्रण पत्र में मोहनदास ने विशेष विनती करते हुए लिखवाया है आपकी तरफ से दिया हुआ उपहार वृद्ध आश्रम को जाएगा।

अत: अतिथियों से निवेदन है कि यदि उपहार नगद में हो तो वृद्धजनों को उत्तम सेवा का लाभ होगा। हमारी इस पहल में आप सभी की नि:स्वार्थ सहायता की आवश्यकता है।

यही कारण है कि वृद्धाश्रम में जीवन के अंतिम पड़ाव पार कर रहे बुजुर्गों की सेवा के लिए मजदूर मोहनदास की इस नेक पहल की दिल से तारीफ करने वाले लोग इस शादी कार्यक्रम में नवदम्पत्ति को यथासंभव दान देकर वृद्धजनों की अप्रत्यक्ष सेवा का पुण्य लाभ अर्जित करने की सोच को तरजीह भी देने लगे हैं।



बुजुर्गों की सेवा ही असली सेवा : मोहनदास
अपने बेटे के मंगल परिणय के शुभ अवसर पर बुजुर्गों की सेवा की नई मिसाल देने वाले मोहनदास कहते हैं कि वृद्धाश्रम में अधिकांश ऐसे सयाने रहते हैं, जिनको अपनो ने ही दुत्कार दिया है। उतार-चढ़ाव जीवन की मार झेलने वाले बुजुर्गों की सेवा से बढक़र कोई और सेवा नहीं है, इसलिए उन्होंने अपने बेटे की शादी और बहू के आगमन की खुशी में मिले उपहारों को वृद्धाश्रम को समर्पित करने का निर्णय लिया ताकि सभी वर्ग के लोग ऐसी पहल कर समाजसेवा से जुड़े सकें।