युवती से सरेराह छेड़छाड़ के मुल्जिम को 1 बरस की जेल

रायगढ़ । बिलासपुर से घर लौट रही अनुसूचित जनजाति की एक युवती पर ढाबे के सामने अश्लील फब्तियां कसते हुए छेड़छाड़ और हिंसक झड़प का आरोप प्रमाणित होने पर विशेष न्यायालय ने मनचले युवक को 1 बरस की सजा सुनाई। साथ ही उसे 700  रूपये के अर्थदंड से दंडित भी किया है।

न्यायालय सूत्रों के अनुसार सारंगढ़ थानांतर्गत ग्राम छिन्द निवासी लोकेन्द्र उर्फ कृष्णा साहू पिता पीलाराम साहू 23 वर्ष विगत 19 दिसंबर 2019 को अपने मामा घर गया था।

देर रात लगभग 11 बजे वह अपने दो अन्य दोस्तों के साथ बाइक में घुम रहा था। वहीं आयुर्वेद में काम करने वाली अनुसूचित जनजाति की एक युवती अपने एक सीनियर के साथ बिलासपुर से मीटिंग के बाद बस से उतरी और पैदल अपने गांव जा रही थी।

इस दौरान साहू ढाबे के सामने अपने दोस्तों के साथ बाईक लेकर खड़ा लोकेंद्र अश्लील कमेंट्स करते हुए छेड़छाड़ करने लगा। युवती देर रात होने के कारण चुपचाप बिना किसी प्रतिकार के पैदल जल्दी जाने लगी तो आरोपी उसका हाथ बाल खींचते हुए मारपीट भी की।

युवती की आबरू को खतरे में देख उसके सीनियर युवक ने बीच-बचाव किया तो आरोपी ने उसकी भी पिटाई कर दी। ऐसे में मौके की नजाकत को भांप सीनियर ने 112 नंबर डायल कर मदद मांगी तो कुछ देर में पुलिस को आते देख मुल्जिम नौ दो ग्यारह हो गए।

पीड़िता द्वारा  रिपोर्ट करने पर सारंगढ़ पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 294, 354, (क) (1) (2) 354 (घ) (1) 323, 323 अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 की धारा 3 (1) (5) 3 (1)(डब्ल्यू) (1) के तहत आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करते हुए केस डायरी कोर्ट में पेश किया।

दूसरी तरफ विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटी जितेंद कुमार जैन ने घटना से जुड़े सभी पहलुओं और दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद आरोप सिद्ध होने पर लोकेंद्र साहू को 1 साल जेल में रहने की सजा के साथ 700 रुपए के अर्थदंड से भी दण्डित किया।

अर्थदंड की राशि नहीं पटाने पर मुल्जिम को 3 माह जेल में अतिरिक्त रहना होगा। इस प्रकरण में शासन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक अनूप कुमार साहू ने पैरवी की।