BIG BREAKING : 1984 Bhopal Gas Tragedy Compensation Case में पीड़ितों को नहीं मिलेगा अतिरिक्त मुआवजा, SC में याचिका खारिज

1984 Bhopal Gas Tragedy Compensation Case : भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों को और मुआवजा नहीं मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने 1984 की इस त्रासदी के पीड़ितों के लिए यूनियन कार्बाइड कारपोरेशन (यूसीसी) की उत्तराधिकारी फर्मों से 7,400 करोड़ रुपए के अतिरिक्त मुआवजे की मांग को लेकर केंद्र द्वारा दायर क्यूरेटिव याचिका पर मंगलवार को अपना फैसला सुना दिया। सर्वोच्च अदालत ने याचिका खारिज कर दी।

इससे पहले यूसीसी की उत्तराधिकारी फर्मों ने शीर्ष कोर्ट में कहा था कि भारत सरकार ने 1989 में मामले के निपटारे के समय कभी भी यह सुझाव नहीं दिया कि दिया गया मुआवजा अपर्याप्त था। फर्मों के वकील ने इस बात पर जोर दिया था कि 1989 के बाद से रुपए का अवमूल्यन भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए अब मुआवजे की मांग का आधार नहीं बन सकता है।

इससे पहले केंद्र ने 1984 की त्रासदी के पीड़ितों को अधिक मुआवजा देने के लिए डाउ केमिकल्स से 7,844 करोड़ रुपए की मांग की थी। त्रासदी में 3,000 से अधिक लोगों की जान चली गई थी और पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा था। जहरीली गैस के रिसाव से होने वाली बीमारियों के लिए पर्याप्त मुआवजे और उचित चिकित्सा उपचार के लिए इस त्रासदी से बचे लोग लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं।

केंद्र ने मुआवजे में बढ़ोतरी के लिए दिसंबर 2010 में शीर्ष अदालत में एक क्यूरेटिव याचिका दायर की थी। विस्तृत दलीलें सुनने के बाद 12 जनवरी को न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने पीड़ितों को अधिक मुआवजा देने के लिए यूसीसी की उत्तराधिकारी फर्मों से अतिरिक्त 7,400 करोड़ रुपए की मांग वाली केंद्र की क्यूरेटिव याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

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