कोरबा, 06 मार्च। महिला बाल विकास विभाग कोरबा को जिला खनिज न्यास कोरबा डी एम एफ मद से वर्ष 2020-21,2021-22 एवं 2022-23 में करोड़ो रूपये की राशि चेक के माध्यम से जारी किया गया प्राप्त राशि का उपयोग जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं प्रभारी लिपिक के द्वारा नियमों के विरूध विभिन्न दुकानदारो संस्थाओं को तथा महिला स्व सहायता समूहों को नियम विरूध भुगतान किया गया ।
विभाग की कार्य प्रणाली में किये अनियमित नियम विरूध खरीदी भुगतान कि शिकायत मिलती रही है। परंतु बृजमोहन अग्रवाल विधायक भारतीय जनता पार्टी छ.ग. के द्वारा छ.ग. विधानसभा सदन में प्रश्न क्रमांक 599 तथा विधान सभा प्रश्न क्रमांक 650 के द्वारा विधायक जी द्वारा जिला खनिज न्यास के संबंध में विभिन्न विषयों पर प्रश्न उठाया गया जिनमें प्रमुख है वर्ष 2019-20,2020-21, 2022-23 में डीएमएफ मद में कितनी कितनी राशि व्यय किया गया एवं जिले में डी.एम. एफ. मद से क्या-क्या सामाग्री किस-किस दर पर किन-किन फर्मों से कितनी कितनी मात्रा में खरीदी की गई है।
01क्या खरीदी में छ.ग. भण्डार क्रय नियम का पालन किया गया अथवा नही नहीं किया गया तो दोषी कर्मचारीयों के विरूध क्या कार्यवाही किया गया ?
उल्लेखित प्रश्न में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग द्वारा गलत जबाव संचालनालय महिला बाल विकास विभाग रायपुर की ओर प्रेषित किया गया । प्रेषित जबाब का परीक्षण संचालक दिव्या मिश्रा संचालनालय महिला बाल विकास विभाग रायपुर द्वारा किये जाने पश्चात् अपने कार्यालयीन पत्र क्रमांक/15665/आईसीडीएस – 01/मबावि / 2022 – 23 नवा रायपुर दिनांक 24.02.2023 के द्वारा जिला कलेक्टर कोरबा को पत्र जारी करते हुए अनुरोध किया गया हैं कि :-
विधान सभा प्रश्न क्रमांक 599 के प्रश्न क के भाग मे वर्श 2019-20,2020-21, 2022-23 में कितनी कितनी राशि व्यय किया गया । कोरबा जिले से प्राप्त उत्तर में प्राप्त राशि के संबंध में विधान सभा प्रश्न क्रमांक 599 एवं 650 में अंतर पाया गया :-
तीस करोड़ इक्तालीस लाख बियासी हजार तीन सौ चौदह रूपये के व्यय राशि को छुपाया गया।
संचालक द्वारा कलेक्टर कोरबा को अनुरोध किया गया है कि जिला स्तर पर परीक्षण कि आवश्यक्ता है।
02. विधायक जी के पूछे गये प्रश्न ख अनुसार जिले में डी. एम. एफ. मद से क्या-क्या सामाग्री किस-किस दर पर किन-किन फर्मों से कितनी कितनी मात्रा में खरीदी की गई है?
कोरबा जिले से प्राप्त उत्तर अवलोंकन करने पर पाया गया कि डीएमएफ मद से पूरक पोषण आहार हेतु अण्डा/कॅला/लड्डू इत्यादि का क्रय स्व सहायता समूहों से क्रय किये जाने का उल्लेख है। परंतु छ.ग. भण्डार कय नियम में स्व सहायता समूहों से सामाग्री कय किये जाने के संबंध में राज्य भण्डार क्रय नियम के नियम -8 राज्य शासन के अन्य विभागों एवं उनके उपक्रमों से सामग्रियों का क्रय किया जाना है । जिसके तहत् ग्रामोद्योग विभाग से सहायता प्राप्त इकाईयों तथा महिला एवं बाल विकास एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास के अंतर्गत ग्रठित महिला स्व सहायता समूहों द्वारा उत्पादित हैन्डलूम तथ हैन्डीकाप्ट सामग्रियों का क्रय शासकीय कार्यालयों द्वार सीधे इन इकाईयों / समूहों से किया जा सकेगा जिसके लिए से पृथक निविंदा बुलाना आवश्यक नहीं होगा। स्पष्ट है कि पूरक पोषण आहार अन्तर्गत विभिन्न प्रकार की खाद्य सामग्री का कय स्व सहायता समूहों से सीध नही किया जा सकता है। इस संबंध में जिला स्तर पर अपनाई गई प्रक्रिया का परीक्षण करते हुए भंण्डार कय नियम का पालन न करने के लिए उत्तरदायित्व का निर्धारण किये जाने कि आवश्यकता है।
03. कोरबा जिले द्वारा विभिन्न सामग्रीयों को कय जेम पोर्टल अथवा खुली निविंदा के माध्यम से क्रय की गई है। पर दस्तावेजो का अवलोंकन करने पर पाया गया कि कय प्रक्रिया में भण्डार कय नियमों को पालन नहीं किया गया है?
कोरबा जिले से प्रेषित जवाब के अवलोंकन से प्रतीत होता है कि जेम पोर्टल व अन्य प्रक्रिया से कय की गई
सामाग्री भण्डार कय नियमों का पालन नहीं किया गया है। यदि भण्डार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया है।
तो इसके लिये उत्तरदायी अधिकारीयों को चिन्हांकर कर सिविल सेवा आचरण नियमों के अधीन कार्यवाही का प्रस्ताव
भेजेंगे ।
04. सामग्रियों के कय में भण्डार कय नियमों का पालन किया जाना परिलक्षित नहीं होता है। उन सभी सामग्रियों के
कय प्रक्रिया पर जिला स्तर पर सक्षम अधिकारियों से जांच कराया जाकर प्रत्येक प्रकरण में पृथक-पृथक टीप प्रेशित
किये जाने का अपेक्षा है।
उपर अंकित बिदुओं पर दिव्या उमेश मिश्रा संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग छ.ग रायपुर के द्वारा एक सप्ताह के भीतर कार्यवाही कर एक सप्ताह के भीतर सुसंगत दस्तावेज विषेश वाहक के हस्ते प्रस्ताव चाहा गया है। परंतु प्राप्त जानकारी अनुसार संचालक महिला बाल विकास विभाग रायपुर द्वारा कलेक्टर कोरबा को प्रेषित पत्र में आज तक जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग कोरबा द्वारा कलेक्टर कोरबा को संज्ञान में नहीं लाया गया है और नही किसी प्रकार की समिति गठित कर जांच करा रहें न ही इस संबंध में कोई कार्यवाही नही की जा रहा है। जिससे दोषी अधिकारी कर्मचारी निर्भय होकर कार्यालय में कार्य करते हुए घुम रहें ।
अनियमित कार्य –
1 करोड़ो रूपये की सामाग्री आंगनबाड़ी हेतु कय किया गया जिसमें भण्डार कय नियम का पालन नहीं किया गया
जांच के बाद खुलासा होगा कि क्या-क्या सामाग्री कय की गई ।
2 महिला समूहों से अण्डा / केला / लड्डू का कय कराकर नियम विरूध आंगनबाड़ी केन्द्रों में वितरण कराया गया ।
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