न्यायपालिका की स्वतंत्रता जीवंत लोकतंत्र का मूल आधार : हिमा कोहली

नई दिल्ली ,06 मार्च  सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस हिमा कोहली ने कहा है कि न्यायपालिका को संविधान का विश्लेषण करने की अनुमति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता ही जीवंत लोकतंत्र का मूल आधार है। ये कोई कानूनी सिद्धांत भर नहीं है। जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि न्यायपालिका को संविधान की व्याख्या करने देना चाहिए और इसकी स्वतंत्रता महज एक कानूनी सिद्धांत नहीं, बल्कि एक जीवंत लोकतंत्र का मूलभूत आधार है।

उन्होंने कहा, ‘यह जरूरी है कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूती देने के लिए समानांतर स्तर पर और एक-दूसरे से दूरी रखते हुए काम करें, साथ मिलकर नहीं। जस्टिस कोहली ने कहा, यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता को संरक्षित करेगा और इसकी स्वायत्तता और निष्पक्षता की रक्षा करेगा। संवैधानिक संवाद में न्यायपालिका की भूमिका स्वीकार करना भी उतना ही आवश्यक है क्योंकि यह हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए ‘सेफ्टी वाल्व’ की तरह काम करता है।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]