सर्दी-बुखार-खांसी, कहीं आप भी तो नहीं H3N2 फ्लू की चपेट में? डॉक्टर से समझें लक्षण और इलाज…

मौसम में तेजी से बदलाव आने से मौसमी बीमारियों का अटैक बढ़ गया है. तमाम लोग वायरल इंफेक्शन की चपेट में तेजी से आ रहे हैं. कई लोगों की कंडीशन इतनी खराब हो रही है कि उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ रहा है. खासतौर से बच्चे और ज्यादा उम्र के लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के वैज्ञानिकों ने पिछले दिनों बताया था कि सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार, गले में दर्द के बढ़ते मामलों की वजह इन्फ्लुएंजा A का सबटाइप H3N2 वायरस है. इस वायरस की चपेट में आने से कई लोगों की कंडीशन गंभीर हो रही है. इन्फ्लुएंजा H3N2 को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी एडवाइजरी जारी की है. इस संक्रमण के इलाज और बचाव के तरीकों के बारे में जरूरी बातें डॉक्टर से जान लेते हैं.

नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के प्रिवेंटिव हेल्थ डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डॉक्टर सोनिया रावत कहती हैं कि H3N2 वायरस इन्फ्लुएंजा A का सबटाइप है. यह तेजी से म्यूटेट करता है और लोगों को अपना शिकार बना सकता है. इसे हांगकांग फ्लू भी कहा जाता है. इस वायरस की चपेट में आने वाले लोगों को सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार, गले में दर्द की समस्या हो जाती है. यह H1N1 की तरह ही एक वायरस है, जो पहले एनिमल्स में होता था. अब यह इंसानों को संक्रमित कर रहा है. आमतौर पर यह वायरस हमारे शरीर को बीमारियों से बचाने वाले व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC) को कम कर देता है, इसकी वजह से ल्यूकोपीनिया हो जाता है. जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है या जो लोग किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह वायरस सीरियस कंडीशन पैदा कर सकता है.

एंटीबायोटिक दवाएं न लें

डॉक्टर सोनिया रावत के अनुसार H3N2 वायरस की वजह से आने वाला बुखार 5-7 दिनों में ठीक हो जाता है. जबकि खांसी ठीक होने में 3-4 हफ्तों का वक्त लग सकता है. अगर आप इस वायरस की चपेट में आ जाएं, तो पैरासिटामोल टैबलेट ले सकते हैं. सबसे जरूरी बात यह है कि वायरल इंफेक्शन में एंटीबायोटिक दवाएं नहीं लेनी चाहिए. ऐसा करने से शरीर के अंदर एंटीबायोटिक रजिस्टेंस पैदा हो सकता है, जिससे परेशानी बढ़ सकती है. इस वायरस की चपेट में आने पर लक्षणों के अनुसार इलाज किया जाता है. अगर बुखार है, तो बुखार की दवा ले सकते हैं. इसके अलावा हर परेशानी की ओवर द काउंटर मिलने वाली दवाएं इस्तेमाल की जा सकती हैं. हालांकि आप ऐसा करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

H3N2 फ्लू के लक्षण

– तेज बुखार
– तेज सिरदर्द
– शरीर में दर्द
– गले में दर्द
– तेज खांसी
– सर्दी-जुकाम

संक्रमित होने पर ऐसा करें

– ज्यादा से ज्यादा आराम करें.
– लगातार हाइड्रेटेडेट रहना है
– हेल्दी डाइट लें और फ्लूड लें
– ह्यूमिडिफायर इस्तेमाल करें
– ओवर द काउंटर मेडिसिन ले सकते हैं

इससे कैसे बचाव करें

– फ्लू वैक्सीीन लगवाएं
– संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं
– घर से निकलते वक्त मास्क लगाएं
– बार-बार हाथ साफ करें. सैनिटाइज करें
– सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.

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