LLB-LLM के छात्र रिजल्ट से परेशान, प्रबंधन कब तक करेगा समाधान?

रायगढ़ ,25 फरवरी  शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय में इस बार लॉ के यूजी और पीजी के परीक्षा फल बेहद चौंकाने वाले हैं। बता दें कि प्रदेश कें शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय में एलएलएम की पढ़ाई होती है। इस बार एल एल एम के प्रथम सेमेस्टर में 99 प्रतिशत विद्यार्थी अनुतीर्ण हुए हैं और तृतीय सेमेस्टर का  एक भी विद्यार्थी उत्तीर्ण नहीं हो सका है।कमोबेश यही हाल रायगढ़ के स्वामी बालकृष्ण पुरी लॉ कॉलेज के एल एल बी द्वितीय सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम का भी है जिसमें 80 फीसदी छात्र अनुतीर्ण  घोषित हुए हैं। छात्र समुदाय ऐसे परीक्षा परिणाम से अचंभित भी है और आक्रोशित भी। कई छात्र छात्राओं से हुई बातचीत का सार यही था कि ऐसा परीक्षाफल उनकी समझ से परे है।

उनका कहना है कि एक मॉडल आंसर शीट जारी की जाए जिससे तुलना कर छात्र अपनी गलती और कमियां जान सकें। साथ ही ऐसे हैरत अंगेज परीक्षा परिणाम से उनका एक बहुमूल्य साल बर्बाद हो रहा है, क्योंकि विश्विद्यालय में पुनर्मूल्यांकन का प्रावधान नहीं है। इससे क्षुब्ध विद्यार्थी अपनी उत्तर पुस्तिका की दोबारा जांच चाहते हैं और मार्किंग सिस्टम को भी सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं। इस स्पष्टीकरण से साफ है कि विश्वविद्यालय के मौजूदा रूल रेगुलेशन के तहत रिवैल्यूएशन संभव नहीं है। 

ऐसे में एकमात्र उपाय है वर्तमान नियमों में संशोधन! यदि संशोधन कर रूल रेगुलेशन में परिवर्तन किया जाय और अनुतीर्ण छात्र छात्राओं की उत्तरपुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन किया जाय तो सैंकड़ों विद्यार्थियों का अमूल्य साल बर्बाद होने से बच जायेगा। छात्रों की भी यही मांग है। अभी तो बाल कृष्ण पुरी लॉ कॉलेज के द्वारा छात्रों को रि काउंटिंग के बाबत सूचना दी गई है। सूचना में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि रि वैल्यूएशन का कोई प्रावधान नहीं है । छात्रों को यथाशीघ्र रि-काउंटिंग के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने की हिदायत दी गई है। 

ऐसी स्थिति में छात्र – छात्राएं किसकी बात का पालन करें यह स्पष्ट नहीं होने से विरोधाभास की स्थिति निर्मित हो गयी है। छात्र असमंजस में हैं और अपने भविष्य को लेकर चिंतित भी हैं।

क्या कहते हैं विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार

अटल बिहारी वि वि के रूल रेगुलेशन हैं, वही रूल रेगुलेशन हम पर भी लागू हैं। अब बच्चे रि वैल्यूएशन मांग रहे हैं। रि-वैल्यूएशन को लेकर नियम की बाध्यता है। अब रि वैल्यूएशन कहां से प्रोवाइड किया जाए। सेमेस्टर सिस्टम जो होता है उसके  एग्जामिनेशन में ए टी के टी की फैसिलिटी दी गई है , उसमें रि वैल्यूएशन का प्रोविजन नहीं है, रि-टोटलिंग का है। हालांकि इस संबंध में हमने अटल बिहारी वि वि में पत्र भी लिखा है और पूछा भी है कि कोविड के पहले 2018 -19 में क्या व्यवस्था थी और अभी क्या व्यवस्था है ? अब उनका रिप्लाई आ जाय।

जहां तक हमें जानकारी हुई है ., टेलीफोनिक बातचीत हुई है उसके अनुसार पहले से ही नहीं है। 2018 -19 से ही नहीं है। हमलोग कोई छात्र विरोधी नहीं हैं। विश्वविद्यालय में हमारे पास भी प्रोविजन होना चाहिए। हमारे हाथ बंधे हुए हैं । हम अपने मन से कैसे कर सकते हैं ? जब विश्वविद्यालय की स्थापना हुई तभी से उसमें लिखी हुई है। जो नियम कानून अटल बिहारी वि वि में है उनमें जबतक संशोधन नहीं होंगे तब तक वे लागू रहेंगे।