भोपाल, 20 फरवरी । शिवराज सरकार ने रविवार को आबकारी नीति में उल्लेखनीय बदलाव किया। अब प्रदेश में अहाते बंद होंगे। दुकानों में बैठाकर शराब पिलाने की व्यवस्था भी नहीं होगी। धार्मिक स्थल, शैक्षणिक संस्थान, बालिका छात्रावास से सौ मीटर के दायरे में कोई भी शराब की दुकान नहीं होगी। शराब पीकर वाहन चलाने पर डाइविंग लाइसेंस निलंबित करने के प्रविधान और कड़े होंगे। मंत्रिपरिषद के सभी सदस्यों ने नीति के प्रविधानों का मेज थपथपाकर स्वागत किया। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में वर्ष 2010 से कोई भी नई शराब की दुकान नहीं खोली गई है।
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में वर्ष 2023 के लिए आबकारी नीति को मंजूरी दी गई। इसमें शराब को हतोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। शराब दुकानों में शराब पिलाने और अहातों से कानून व्यवस्था को लेकर उठाने वाले सवालों को देखते हुए सरकार ने तय किया है कि इन्हें बंद किया जाएगा। प्रदेश में दो हजार 580 अहाते और 31 दुकानों पर बैठाकर शराब पिलाने की व्यवस्था थी।
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पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी यही मांग कर रही थीं कि अहातों को बंद किया जाए। साथ ही धार्मिक स्थलों के आसपास शराब की दुकानें न हों। गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान भी नर्मदा नदी के पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाली 64 शराब दुकानों को बंद करने का निर्णय लिया था।
इसी को आगे बढ़ाते हुए अहातों और दुकानों में बैठाकर शराब पिलाने की व्यवस्था को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि किसी शराब दुकान को लेकर यदि विरोध होगा तो उसे भी बंद करने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। नशामुक्ति का अभियान चलाने के लिए बजट भी बढ़ाया जाएगा।
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