Himachal Pradesh , हिमाचल प्रदेश की नवनिर्वाचित सुक्खू सरकार ने लोहड़ी पर राज्य के 1.36 लाख कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कर तोहफा दिया है। चुनाव के किए गए वादे के मुताबिक राज्य सरकार ने अपनी पहली बैठक में पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से बाहर करने के फैसले को मंजूरी दे दी। कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर जश्न मनाना शुरू कर दिया है। प्रदेशभर से सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी राज्य सचिवालय के बाहर पहुंच डांस करते नजर आए।
कैबिनेट खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री सुक्खू ने सचिवालय के बाहर कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान अर्की में मैंने पहली बार कहा था कि ओपीएस बहाल करेंगे। पिछले दिनों अधिकारी पैसा नहीं होने की बात कहकर इसमें अड़चन डालते रहे, लेकिन मैंने अपना फार्मूला दिया। पेंशन कर्मचारियों का हक था। कांग्रेस ने अपने वादे के मुताबिक ओपीएस बहाल कर दी है। उन्होंने कहा कि आज ही ओपीएस बहाली की अधिसूचना भी जारी कर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारियों के एरियर का अभी 9000 करोड़ से ज्यादा और डीए का 1000 करोड़ से ज्यादा की राशि सरकार के पास बकाया है। उन्होंने कहा कि जब हमने आकलन किया तो पता चला कि पिछली सरकार 11,000 करोड़ की देनदारियां हमारी झोली में डालकर चली गई। छठा वेतन आयोग लागू किया। 1000 करोड़ रुपये का तो डीए का एरियर नहीं दिया है। नौकरी पर लगे लोगों का 4,430 करोड़ रुपये देना है। पेंशन वालों का 5,226 करोड़ रुपये देना है।
हिमाचल से पहले राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब भी ओपीएस को बहाल कर चुका है। हालांकि इन राज्यों को केंद्र सरकार 2002 से जमा पेंशन फंड की राशि वापस लौटाने से इनकार कर चुकी है। इसके अलावा कैबिनेट बैठक में 1500 रुपये महिलाओं को देने का भी फैसला भी लिया गया है। इस संबंध में कैबिनेट सब कमेटी एक महीने में रिपोर्ट देगी।
वहीं एक लाख लोगों को रोजगार दिया जाएगा। इसके लिए कैबिनेट सब कमेटी बनाई है। कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान, जगत नेगी और रोहित ठाकुर की कमेटी भी एक महीने में रिपोर्ट देगी। कांग्रेस ने चुनाव में 5 सालों में 5 लाख और पहली कैबिनेट में एक लाख नौकरी देने का भी वादा किया था। जिसे लेकर सरकार ने काम शुरू कर दिया है।
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