जयपुर गहलोत सरकार ने शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक केस के मुख्य आरोपियों की ओर से चलाए जा रहे ‘अधिगम कोचिंग इंस्टिट्यूट’ की बिल्डिंग पर बुलडोजर चला दिया। जेडीए एनफोर्समेंट टीम आज सुबह 7:30 बजे से जयपुर के जोन-05 एरिया में गुर्जर की थड़ी, गोपालपुरा बायपास मुख्य रोड पर पहुंच गई थी, जिसके बाद ये एक्शन लिया गया।ज्ञात हो कि नोटिसों का जवाब तय टाइम पीरियड तक भी नहीं मिलने पर लीगल प्रोसेस अपनाकर और और ऑथोराइज स्तर पर परमिशन लेकर अवैध कॉमर्शियल बिल्डिंग को ध्वस्त कर दिया गया। 1 पोकलेन मशीन, 3 जेसीबी मशीन, 12 लोखंडा मशीन, 3 ड्रिल, 2 कटर और मजदूरों की सहायता से बिल्डिंग गिराने की कार्रवाई की गई।
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मौके पर जीडीए के चीफ कंट्रोलर एनफोर्समेंट, सभी सब-कंट्रोलर्स, जोन -5 के डिप्टी कमिश्नर, सभी एनफोर्समेंट ऑफिसर एनफोर्समेंट टीम, इंजीनियरिंग टीम, जयपुर पुलिस कमिश्नरेट से मानसरोवर एसीपी और थानाधिकारी, 50 पुलिस वालों का ज़ाब्ता मौके पर शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई में शामिल रहे।इस बिल्डिंग में रेसिडेंशियल जमीन पर जीरो सेटबैक पर बिल्डिंग बायलॉज का गंभीर उल्लंघन कर बड़े रूप में बने अवैध कॉमर्शियल निर्माण, रोड सीमा पर अवैध कब्जे-अतिक्रमण पर नियम के मुताबिक लीगल प्रोसेस पूरा कर और ऑथोराइज लेवल पर परमिशन लेकर टेक्निकल टीम की निशानदेही पर एनफोर्समेंट टीम ने जेसीबी-पोकलेन मशीनों, लोखंडा और ड्रिल मशीनों से अधिगम कोचिंग इंस्टिट्यूट की बिल्डिंग को गिरा दिया। बड़ी तादाद में मजदूरों की सहायता से अवैध बिल्डिंग को ध्वस्त किया गया।
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कोचिंग इंस्टिट्यूट “अधिगम” शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण के मुख्य आरोपियों की ओर से चलाए जाने की जानकारी मिलने पर 6 जनवरी 2023 को सुबह एनफोर्समेंट के चीफ कंट्रोलर और एडिशनल कमिश्नर पीआरएन के नेतृत्व में जेडीए दस्ते, जोन की रेवेन्यू और टेक्निकल टीमों ने मौका निरीक्षण – परीक्षण कर संबंधित बिल्डिंग मालिक अनिल अग्रवाल और भूपेन्द्र सारण, सुरेश ढाका , धर्मेंद्र चौधरी सहित 4 कोचिंग संचालकों को जेडीए की धारा 32 और 72 के तहत नोटिस जारी किए थे। अवैध निर्माण और अतिक्रमणों को हटाने, अपना जवाब पेश करने के लिए 8 जनवरी 2023 को शाम 5 बजे तक का उन्हें समय दिया गया था।खास बात यह कि शुक्रवार को नोटिस दिया गया और रविवार तक जवाब देने का समय दिया गया। रविवार की सुबह फिर से लीगल नोटिस देकर बिल्डिंग से अपना-अपना सामान खाली कर अवैध निर्माण और अतिक्रमणों को हटाने के लिए फिर से पाबंद भी किया गया।
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