हाल ही में जालंधर में 4 लड़कियों ने 1 पुरुष का कार में ‘गैंगरेप’ किया। पुरुष ने बताया कि लड़कियों ने उसे एड्रेस पूछने के बहाने रोका। उसके चेहरे पर स्प्रे मारकर उसे गाड़ी में डाल लिया। जबरदस्ती शराब पिलाई और नशे की हालत में लड़कियों ने उसके साथ बलात्कार किया। आरोपी लड़कियां 20 से 30 साल की उम्र की हैं।
पीड़ित एक चमड़ा फैक्ट्री में मजदूर है। वह शादीशुदा और बच्चों का पिता है। उसने अपनी पत्नी के कहने पर पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई, मगर यह खबर सोशल मीडिया पर आने के बाद वायरल हो गई।
हिंदुस्तान के कानून की नजर में ऐसी घटना रेप नहीं है। आगे बढ़ने से पहले ये बता दें कि हम महिलाओं के खिलाफ नहीं हैं, न ही हम महिलाओं के शोषण की अनदेखी कर रहे हैं, लेकिन LGBQ, थर्ड जेंडर और पुरुषों के यौन उत्पीड़न के मामलों की रिपोर्ट और बचाव के लिए ऐसा कानून जरूरी है। ऐसा कोर्ट भी बोल चुका है। ऐसे में रेप को जेंडर न्यूट्रल बनाए जाने की दलील को भी सिरे से खारिज नहीं कर सकते।
जालंधर में हुई घटना इस तरह का इकलौता मामला नहीं है जब किसी पुरुष ने अपने साथ ऐसी वारदात की शिकायत की हो। हालांकि भारत में कितने पुरुषों के साथ रेप हुआ, इसका कोई डेटा भी नहीं है। लेकिन समय-समय पर ऐसे मामले सामने जरूर आए हैं।
[metaslider id="347522"]