शिक्षक संघर्ष मोर्चा की बैठक संपन्न, शिक्षकों की समस्याओं को लेकर उठे कई सवाल

स्थानांतरण, पदोन्नति, पदांकन मे की गई भ्रस्टाचार एवं अनियमितता के मुद्दे को लेकर उठी जांच की मांग

कोरबा, 9 दिसंबर । शासन द्वारा मान्यता प्राप्त एवं पंजीकृत संगठनों का प्रतिनिधि संगठन शिक्षक संघर्ष मोर्चा जिला कोरबा का आवश्यक बैठक शिक्षक सदन घंटाघर कोरबा में 8 दिसंबर 2022 को आहूत की गई बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों द्वारा तय एजेंडे पर बिंदुवार चर्चा की गई, जिलाध्यक्षों द्वारा बताया गया कि बैठक में जिले मे कार्यरत शिक्षकों की लंबित समस्याओं के त्वरित निराकरण हेतु विभागीय जिला परामर्शदात्री समिति की बैठक के सम्बन्ध मे लिखित मांग रखने के फलस्वरूप भी पिछले कई वर्षों से परामर्शदात्री समिति की बैठक लंबित है जिस पर विभागीय अधिकारी गंभीर नही हैं।पदाधिकारियों ने बताया कि विभागीय अधिकारी के सह पर कुछ नजदीकी मातहतों द्वारा शिक्षकों द्वारा दिए गए स्वैच्छिक स्थानांतरण को पोर्टल मे ऑनलाइन करने, ब्यापम द्वारा भर्ती सहायक शिक्षकों के मनचाही पदांकन, जिला स्तर पर की गई सहायक शिक्षकों के स्थानांतरण, प्राथमिक शाला प्रधान पाठक के 1145 रिक्त पदों पर पदोन्नति मे घोर भ्रस्टाचार करते हुए अनेकों को मनचाही स्थान उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लोक शिक्षण संचनालाय (डी पी आई) एवं संयुक्त संचालक शिक्षा (जे ई डी) के दिशानिर्देशों को दरकिनार करते हुए घोर अनियमितता बरती गई तथा उक्त प्रक्रिया के एवज मे शिक्षकों से मोटी रकम ली गई। निजी स्वार्थो से प्रेरित होकर की गई अनियमितता के कारण अनेक जरूरतमंद, गंभीर बीमारी से ग्रसित, दिब्यांग, गर्भवती कर्मचारियों को शासन द्वारा जारी नियमों के अनुरूप लाभ नही मिल पाया जो आज भी विभागीय भ्रष्ट प्रक्रिया से दुखी हैं, उनकी दुखड़ा को सुनने वाला कोई नही, बीहड़ एवं वनांचल क्षेत्रों मे अपनी पीड़ा को दमन कर बोझिल मन से अपने कर्तब्य एवं दायित्व को पूरी निष्ठा से आज भी कर रहे हैं। प्रधान पाठक पदोन्नति मे की गई अनियमितता के कारण अनेक वरिष्ठ सहायक शिक्षक अपने कनिष्ठ से और कनिष्ट हो गए हैं।


शिक्षक संघर्ष मोर्चा जिला कोरबा उक्त प्रक्रिया मे की गई घोर भ्रष्टाचार एवं अनियमितता पर उच्च स्तरीय जाँच की मांग करते हुए दोषी पर कड़ी कार्यवाही की मांग करेगी।
उपस्थित पदाधिकारियों द्वारा यह भी बताया की विभागीय कुछ खण्ड स्तर के अधिकारियों एवं लिपिकों द्वारा शिक्षकों द्वारा समस्या से अवगत कराये जाने पर रौब दिखाते हुए उनके साथ अब्यवहारिक बर्ताव किए जाते है जो कदापि उचित नही। इस पर संगठन गंभीरता से संज्ञान लेगी और उचित कार्यवाही हेतु मांग करेगी।
अनु. जाति, जन जाति के शिक्षकों पर शिकायतों के जाँच किए बगैर बिना स्पस्टीकरण दिए सीधा निलंबन की कार्यवाही उचित नही। यदि ऐसी कोई मामले हों तो प्रकृया के अनुरूप जाँच कर कार्यवाही सुनिश्चित किया जाना चाहिए।बैठक मे यह भी बात सामने आई की महिला शिक्षकों द्वारा संतान पालन अवकाश हेतु प्रचार्यों को आवेदन प्रस्तुत किए जा रहे है कुछ प्रचार्यों द्वारा उक्त आवेदन को उच्च कार्यालय हेतु अग्रेषित नही किए जा रहे हैं जिससे शासन द्वारा दिए जा रहे अवकाश का लाभ प्रभावित अनेक महिला शिक्षकों को नही हो पा रहा है। बैठक के दौरान यह भी मांग उठी की वर्तमान मे शीत लहर का प्रभाव जोरों पर है जिससे विद्यार्थियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, उक्त समस्या को ध्यान मे रखते हुए प्रथम पाली मे लगले वाले स्कूलों का स्कूल समय मे अन्य जिलों की भांति आंशिक संशोधन किया जाना उचित होगा।

शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संयोजक ओमप्रकाश बघेल महासचिव तरुण सिंह राठौर, एस एन शिव, जे पी कोशले, नोहर चंद्रा,द्वारा संयुक्त रूप से बयान जारी कर बताया की जिनके द्वारा भी शासन के दिशानिर्देश को दरकिनार कर घोर भ्रस्टाचार एवं अनियमितता की जा रही है उसके ऊपर उच्च स्तरीय विभागीय जाँच एवं कड़ी कार्यवाही की अविलम्ब मांग शिक्षक संघर्ष मोर्चा शासन प्रशासन से करेगी।


उक्त बैठक मे छ ग प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ से ओमप्रकाश बघेल, अशोक कश्यप, प्रकाशचंद्र निषाद, राजलाल मरकाम,छ ग अजाक्स संघ से -के आर डहरिया,बी आर बाघमारे, आर डी केशकर, छ ग शिक्षक संघ से- तरुण सिंह राठौर, मान सिंह राठिया, छ ग शिक्षक कांग्रेस से -जे पी कोशले, छ ग अपाक्स संघ से- नरेंद्र नाथ श्रीवास, मनोज विश्वकर्मा, छ ग राज्य कर्मचारी संघ से- एस एन शिव, छ ग प्रदेश शिक्षक संघ से- जे आर माहेश्वरी, छ ग शालेय शिक्षक संघ से- वेदव्रत शर्मा, चन्द्रिका पांडेय, छ ग सहायक शिक्षक फ़ेडरेशन से नोहर चंद्रा, अशोक कुमार राठिया,उपस्थित रहे।