पंचम अगहन वृहस्पति पूजा महिलाओं ने की

राजनांदगांव , 08 दिसम्बर  छुईखदान छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय त्योहारों में पंचम अंतिम अगहन वृहस्पति पूजा  आठ  दिसम्बर  2022  गुरुवार को  रानी मंदिर छुईखदान में  महिलाओं द्वारा सामूहिक पूजा अर्चना किया गया ।  मंदिर समिति के संरक्षक  लतारानी  लाल जे के वैष्णव ने जानकारी दी कि महिलाएं घर में पूजा कर रानी मंदिर में प्रतिष्ठित मां लक्ष्मी कलश , धान की बाली , रखिया कांदा , की सामूहिक पूजा कर कथा वाचन हुंकारु  अनिवार्य रूप से देकर भोग लगाती हैं । अगहन पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण  की पूजा होती है । बाबी पद्मिनी वैष्णव लोरमी ने बताया कि  भागवत कथा में भगवान  कृष्ण ने कहा कि मासों में अगहन मास मैं हूं।  जयंती सुदर्शन वैष्णव बेमेतरा ने अगहन मास में पूजा अर्चना के महत्तम को श्लोक द्वारा बताई ।

बुधवार की शाम से ही घर की साफ-सफाई , मंदिर परिसर की साफ-सफाई गोबर से लीपकर चौक रंगोली मुख्य द्वार से पूजा स्थल तक चूना छुही से चौंक बनाकर विशेष रूप से मां लक्ष्मी  के पद चिन्ह को चावल के आटे के घोल से बनाकर हल्दी चावल पुष्प फूल चढ़ाकर दीपक जलाते हैं । गुरुवार के दिन सुबह दोपहर शाम तीन समय पूजा होती है जिसमें कथा श्याम बाला , जगन्नाथ बलभद्र , नल दमयंती , सीरिया पीरिया ब्राम्हण कन्या की कथा , सहस्त्र कमल दल चौंक पर होता है । भोग में मीठा चीला , बोबरा, मालपुआ ,हल्वा , खीर , तिलगुंजिया , पूरनपूडी  का भोग लगाकर  मां लक्ष्मी  की सामूहिक भजन कीर्तन करते हैं । चतुर्थ अगहन वृहस्पति पूजा पर रानी मंदिर में  भगवान  लक्ष्मी नारायण   को भोग लगाकर  छोटी रानी पुष्पलता देवी वैष्णव द्वारा  प्रसाद वितरण  किया गया  था ।

सामूहिक पूजा में रंजना सोनी , रोहिणी शर्मा , प्रमिला जंघेल, सीमा अनिल राजपूत पुजारी, काजल तम्बोली , चन्द्रकला निशा नामदेव , पूजा, रेणु , रीनू , रानू , सुप्रिया, गुड्डी महोबिया, लतारानी वैष्णव , संगीता संजय वैष्णव , दामिनी आरती बड़ी संख्या में भक्त जन उपस्थित होकर प्रसाद ग्रहण किये ।