3 दिवशीय चित्र कला प्रदर्शनी मंगल भवन कुरुद में  22से शुरू 

कुरुद। चित्र कला प्रदर्शनी पेंटिंग रंगोली ओर संगीत कार्यशाला 22, 23, 24, नवम्बर सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक में मंगल भवन कुरुद में आयोजित की गयी है। संसार के सृजन पालन और इसे जीवंत बनाए रखने वाली देवीतुल्य माँ बहन व बेटी के सम्मान में शीर्षक “जीवन रंग”है। बसंत ने कहाँ कि 50 साल की उम्र पूरा  करने के बाद मैं 23 साल की उम्र में बड़ी दुर्घटना के कारण 95% दिव्यंगता ने मुझे ग्रहण लगा दिया।संभावनाओं से भरा मानव मन हाथ के कलाई में ब्रश बांध कर काग़ज़ पर आड़ी तिरछी रेखाए खिचना शुरू की।  निरंतर अभ्यास से काग़ज़ पर उकेरी रेखाए जीवंत रूप लेते हुए संदेश देने लगा रंगो के माध्यम से खुद के भावनाओं को प्रकट करने का माध्यम बन गया, समस्त जीवों में मनुष्य जीवन सर्वश्रेष्ठ है।

उसके पास आत्मविवेक ओर आत्मज्ञान है एकांत जीवन को बसंत ने बहुत क़रीब से देखा है ध्यान साधना से हर जीव अपने भीतर के स्वभाव का साक्षात्कार कर सकता है शरीर तो एक मात्र साधन है स्वयं को जानने का जन्म मृत्यु के आवागमन से मुक्त होने का यहाँ दूसरा कोई नही, वे बताते है कि हर जीव में ईश्वर का अंश है सबसे प्रेम करो, हम सब में उसको नहीं देख पाते यही अज्ञान का पर्दा है.