गीता देवी मेमाेरियल हाॅस्पिटल में लापरवाही से गई थी मरीज की जान, संचालकाें पर दर्ज हुआ केस

स्वास्थ्य विभाग से मिले जांच प्रतिवेदन के आधार पर पुलिस ने की कार्यवाही, हाॅस्पिटल के खिलाफ हाे चुके हैं कई शिकायत, डॉ. संध्या कश्यप व डॉ. बृजलाल कवाची को बनाया गया आरोपी

काेरबा। एक साल पहले बालकाे हॉस्पिटल से रेफर केस के मरीज कलश टंडन की काेसाबाड़ी के गीता देवी मेमेारियल अस्पताल में माैत हाे गई थी। मृतका की मां सुदामा बाई ने डाॅक्टराें व कर्मचारियाें पर मरीज के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने का आराेप लगाते हुए प्रशासन से न्याय दिलाने की मांग की थी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कोरबा के द्वारा उक्त मामले मे जांच के लिए 3 सदस्य टीम गठित की थी। जिसमें नर्सिंग होम एक्ट कोरबा के प्रभारी अधिकारी डाॅ. राकेश अग्रवाल, डीएसओ डाॅ. कुमार पुष्पेश, डीएचओ श्रीमती सी. के. सिंह शामिल थी। टीम ने सभी पक्षाें का बयान लेने के साथ ही दस्तावेजाें व तकनीकी जानकारी जुटाकर जांच पूरी की। जांच प्रतिवेदन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिसमें गीता देवी मेमोरियल हास्पीटल कोरबा में मरीज कलश टंडन के उपचार में शामिल डाक्टर एवं प्रबंधन द्वारा लापरवाही पूर्वक उपचार करने से मृत्यु होने का उल्लेख किया गया। स्वास्थ्य विभाग से जांच प्रतिवेदन पुलिस काे साैंपा गया। पुलिस ने प्रतिवेदन के आधार पर अस्पताल संचालक डाॅ. संध्या कश्यप एवं डाॅ. बृज लाल कवाची के खिलाफ धारा 304 ए, 34 भादवि का केस दर्ज कर लिया।

ये डॉक्टर बने आरोपी

ठीक हाे जाने पर भी अस्पताल से नहीं दी गई छुट्टी-सुदामा
शिकायतकर्ता सुदामा बाई द्वारा जांच टीम काे दिए बयान में बताया गया कि उनकी पुत्री कलश टंडन (35) को 13-08-2021 काे पतला दस्त होने पर उपचार के लिए बालको अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एक दिन उपचार पश्चात डाॅक्टर द्वारा अपेन्डीक्स होना बताते हुए आगे की उपचार के लिए गीता देवी मेमोरियल हाॅस्पिटल रिफर किया था। जहां आवश्यक जांच एवं परीक्षणोपरांत बिना ऑपरेशन के दवाई से ठीक हो जाना का हवाला देकर तीन दिन तक मरीज का उपचार किया गया। स्वयं मरीज द्वारा अपना स्वास्थ्य ठीक हो जाने पर अस्पताल से छुट्टी करने को कहा गया लेकिन वहां से डाॅक्टर द्वारा छुट्टी नही किया गया। जबरदस्ती भर्ती रखकर मरीज के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हुए उसे मौत के घाट उतार दिया गया।