राष्ट्रीय महिला आयोग ने डिजिटल शक्ति अभियान के चौथे चरण की शुरुआत की है। अभियान का मकसद अखिल भारतीय स्तर पर साइबर जगत में महिलाओं को सशक्त और कुशल बनाना है। ये अभियान साइबरस्पेस फाउंडेशन, मेटा और ऑटोबोट इन्फोसेक के सहयोग से चलती है।
डिजिटल शक्ति अभियान के तीन चरण पूरे हो चुके है और अब चौथे चरण की शुरूआत की जा रही है। इस अभियान के तहत महिलाओं और लड़कियों को डिजिटल कुशलता हासिल होगी और साइबर हमले से बचाव के लिए जागरूक भी करेगी। डिजिटल शक्ति के लॉन्च के दौरान एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष रेखा शर्मा, लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू, मेजर विनीत कुमार, और साइबरपीस फाउंडेशन मेटा इंडिया के निदेशक और सार्वजनिक नीति के प्रमुख राजीव अग्रवाल भी शामिल थे।
सबसे ज्यादा साइबर हमले का शिकार होती है महिलाएं
लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा कि “भारत इंटरनेट का दूसरा सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है। इसमें अधिकत्तर महिलाएं सबसे ज्यादा साइबर हमले का शिकार होती है। इस अभियान के अब अधिक से अधिक महिलाओं को जागरूक किया जाएगा।
सुरक्षित साइबर स्पेस के बारे में महिलाओं को जागरूक किया जा सके क्योंकि इसी तरह हमारे परिवार भी सुरक्षित रहेंगे।” दर्शकों को संबोधित करते हुए रेखा शर्मा ने कहा कि “हर क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए इस अभियान की शुरूआत की गई है। डिजीटल शक्ति का चौथा चरण महिलाओं के लिए सुरक्षित साइबर स्पेस सुनिश्चित करेगा। भरोसा है कि परियोजना महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ साइबर हिंसा से लड़ने और इंटरनेट को उनके लिए एक सुरक्षित स्थान बनाने के बड़े लक्ष्य की दिशा में योगदान करना जारी रखेगी।”
मेटा इंडिया के निदेशक राजीव अग्रवाल ने कहा कि डिजिटल शक्ति 3 लाख से अधिक महिलाओं के लिए सक्षम रही है और चरण 4 के शुभारंभ के साथ, हमारा लक्ष्य पूरे भारत में 1 मिलियन से अधिक महिलाओं को ऑनलाइन सुरक्षित रहने के बारे में जागरूक करना है।
डिजिटल शक्ति अभियान
बता दें कि डिजिटल शक्ति अभियान की शुरूआत जून 2018 में देश भर में महिलाओं को डिजिटल मोर्चे पर जागरूकता स्तर बढ़ाने के लिए की गई। इस अभियान के जरिए देशभर में 3 लाख से अधिक महिलाओं को साइबर सुरक्षा, डेटा गोपनीयता जैसे तमाम तकनीको से जागरूक किया गया है। अभियान का तीसरा चरण मार्च 2021 में लेह में लॉन्च हुआ था। तीसरे चरण में महिलाओं को साइबर अपराध से बचने के उपायों की जानकारी दी गई थी।
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