कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक देंगे किसानों को तकनीकी सहयोग,2456 पेड़ों से करेंगे शुरुआत

पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के ग्रामीण परंपरागत ढंग से अलग हटकर वैज्ञानिक विधि से अब लाख की खेती करेंगे। 16 गांवों के 200 किसान पहली बार 2456 पलाश के पेड़ों में रंगीनी लाख लगाया है। क्षेत्र में पहले से ही लाख की खेती को रही थी,लेकिन 2 साल से बीज नहीं मिलने से उत्पादन प्रभावित हो रहा था। इस बार सिवनी मध्य प्रदेश से लाख का बीज किसानों को दिया है।

पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक में पलाश के पेड़ों की संख्या 50 हजार से भी अधिक है। नाबार्ड ने पहले चरण में 16 गांवों का चयन किया है। कृषि विज्ञान केंद्र कटघोरा के कृषि वैज्ञानिक तकनीकी रूप से किसानों को प्रशिक्षित कर रहे हैं। लाख की डिमांड क्षेत्र में पहले से ही है। किसानों को वैज्ञानिक तरीके से लाख उत्पादन करने के लिए बीज दिया गया है। किसानों ने योजना में अपना 25 प्रतिशत योगदान भी दिया है। परियोजना समन्वयक विनोद आप्टे ने बताया कि आगे और भी किसानों को लाख की खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा। ग्रामीणों को वनोपज में लाख से भी अतिरिक्त कमाई होती है।

1 साल में 36 किलो उत्पादन, 22 से 25 हजार आय होने की संभावना
लाख की खेती साल में दो बार होती है। हर किसान 36 किलो तक उत्पादन कर सकता है। एक पेड़ में 3 किलो तक उत्पादन होता है। इस तरह हर साल किसान 22 से 25 हजार तक कमा सकते हैं। इसमें लागत केवल बीज का ही होता है।

इन गांवों काे खेती के लिए किया चयन
पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के ग्राम बनवार, पचरा, मातीन, रावा, सरिसमार, कर्री, चंद्रौटी कुम्हारीसानी ,लैंगा, पुटीपखना,लेंगी, बैरा शामिल हैं। बनवार के मंगतराम, विश्राम सिंह, पचरा के देव कुमार , शिवराज ,आनंदराम ने बताया कि कृषि वैज्ञानिकों ने हमें कटिंग , पुनिग , जाली का उपयोग करना सिखा चुके हैं। इस विधि से पहली बार लाख की फसल ले रहे हैं।

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