Google पर फिर लग सकता है बड़ा जुर्माना, स्मार्ट टीवी मार्केट में मनमानी का आरोप

गूगल (Google) को एक बार फिर से तगड़ा झटका लग सकता है। इस बार गूगल स्मार्ट टीवी मार्केट में अपनी पकड़ का दुरुपयोग करने के लिए CCI (Competition Commission of India) की नजर में है। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार मामले से जुड़े कुछ लोगों ने बताया है कि CCI के डायरेक्टर जनरल ऑफिस ने इस मामले में अपनी जांच पूरी करके रिपोर्ट सबमिट कर दी है। CCI ने पिछले साल जून में गूगल द्वारा स्मार्ट टीवी ओएस- Android TV के जरिए किए जा रहे मार्केट के कथित दुरुपयोग के मामले में जांच का आदेश दिया था।

मैन्युफैक्चरर टीवी में नहीं दे पाते गूगल प्ले स्टोर सर्विस
रिपोर्ट के अनुसार गूगल पर लगाए गए आरोपों की जांच की गई है। जांच में पाया गया है कि कि गूगल उन मैन्युफैक्चरर्स के लिए मार्केट ऐक्सेस को ब्लॉक कर देता है, जो उसके साथ लाइसेंसिंग समझौता नहीं करते हैं। गूगल के लाइसेंसिंग अग्रीमेंट के साथ समझौता करने वाले टीवी मैन्युफैक्चरर के प्रोडक्ट्स में गूगल प्ले स्टोर प्री-इंस्टॉल्ड मिलता है। वहीं, गूगल की इस मनमानी को न मानने वाले मैन्युफैक्चरर अपने टीवी में गूगल प्ले स्टोर की सर्विस नहीं ऑफर कर पाते। CCI जल्द ही निर्णय प्रक्रिया के लिए रिपोर्ट लेगी, जहां गूगल को आरोपों का जवाब देने की अनुमति भी दी जाएगी।

लाइसेंस वाले मार्केट में ऐंड्रॉयड सबसे आगे
मामले के प्रमुख तत्वों में से एक यह होगा कि मार्केट डॉमिनेंस तय करते समय सीसीआई “प्रासंगिक बाजारों” को कैसे परिभाषित करता है। गूगल का कहना है कि मामले के लिए प्रासंगिक बाजार पूरा स्मार्ट टीवी मार्केट होना चाहिए। हालांकि, शिकायतकर्ताओं ने सीसीआई से जांच के लिए केवल लाइसेंस वाले स्मार्ट टेलीविजन मार्केट पर विचार करने का अनुरोध किया है। मामले से जुड़े एक वकील ने कहा, “अगर पूरे स्मार्ट टीवी बाजार पर विचार किया जाए, तो ऐंड्रॉयड के पास लीडरशिप नहीं हो सकती है, लेकिन अगर हम लाइसेंस वाले बाजार को देखें, तो ऐंड्रॉयड सबसे आगे है।”

 

गूगल के प्रवक्ता ने दी सफाई
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में Google के एक प्रवक्ता ने कहा, “भारत में उभरती स्मार्ट टीवी इंडस्ट्री गूगल की मुफ्त लाइसेंसिंग मॉडल के कारण फल-फूल रही है और ऐंड्रॉयड टीवी कई अच्छे टीवी ओएस जैसे फायरओएस, Tizen और वेबओएस के साथ कॉम्पीट करता है। हमें विश्वास है कि हमारा स्मार्ट टीवी लाइसेंसिंग प्रोसेस किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं करता है।”