वन विभाग ने रोज गार्डन में खोदे गए वर्षों पुराने तालाब को पाट दिया

रायगढ़ ,18अक्टूबर। एक ओर राज्य सरकार जल संचय के लिए नरवा योजना संचालित कर रही है तो वहीं दूसरी ओर जिला मुख्यालय में वन विभाग के अधिकारी रोज गार्डन में खोदे गए वर्षों पुराने तालाब में उद्योग से निकलने वाले क्रश को डालकर पाटते हुए पार्किंग बना दिया। भू-जल स्तर को बनाए रखने के लिए राज्य सरकार नरवा योजना संचालित कर रही है, जिसमें नरवा में जगह-जगह चेक डेम बनाकर जल संचय कराया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर तालाबों के संरक्षण के लिए सरोवर-धरोहर योजना के माध्यम से तालाबों को स्वच्छ कर उसका संरक्षण कर रही है तो वहीं दूसरी ओर वन विभाग के आला अधिकारी तालाबों को पाटने में लगे हुए हैं। 

जिला मुख्यालय में स्थित रोज गार्डन के अंदर मुख्य गेट से प्रवेश करते हुए कार्यालय के पीछे एक बड़ा तालाब था जिसे विभाग ने ही वर्षों पूर्व लाखों रुपए खर्च कर खोदवाया था। ताकि यहां पानी भरा रहे और इसके कारण क्षेत्र में नमी बना रहे। कुछ वर्ष पूर्व तक की स्थिति में तो यहां भरे पानी का उपयोग भी होता था। लेकिन कुछ समय पूर्व तत्कालीन रेंजर ने तालाब में उद्योगों से निकलने वाला क्रश डलवाकर पाट दिया है। क्रश से पाटे जाने के कारण उक्त क्षेत्र में न तो पौधरोपण किया जा सकता है न ही अन्य कोई कार्य। अब विभाग के अधिकारी इसे पार्किंग स्थल बनाने का हवाला दे रहे हैं।

पार्किंग के लिए थी पर्याप्त जगह

रोज गार्डन में कभी इतनी अधिक भीड़ नहीं होती थी कि वहां वाहनों के पार्किंग के कारण जाम की स्थिति बने। प्रवेश द्वार के बाहर व रोड के दूसरे छोर में इतनी जगह थी कि आराम से पार्किंग होता था और यातायात प्रभावित भी नहीं होती थी। इसके बाद भी पार्किंग के नाम पर तालाब को पाट दिया गया। वन विभाग के अधिकारियों का अजीबो-गरीब कारनामा सामने आ रहा है। कभी जंगल के अंदर कागजों में डबरी निर्माण कर दिया जाता है तो कभी शहर के अंदर गार्डन की तालाब को पाट दिया जा रहा है। यह पूरा काम किसलिए किया जा रहा है यह सभी जानते हैं। रायगढ़ के रेंजर हेमलाल जायसवाल का कहना है कि रोज गार्डन के अंदर तालाब तो था, लेकिन उसे पाटने की जानकारी मुझे नहीं है। मेरे को ज्वाई किए कुछ समय ही हुआ है। यह मेरे कार्यकाल का नहीं है।