जिले के विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति संबंधी जारी है ऑनलाइन मॉनिटरिंग व विद्यालयों का सघन निरीक्षण

रायगढ़, 11 अक्टूबर I स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार जिले के विद्यालयों की अकादमिक व्यवस्था में कसावट लाने के उद्देश्य से शिक्षकों की उपस्थिति संबंधी ऑनलाइन मॉनिटरिंग व विद्यालयों के सतत सघन निरीक्षण की व्यवस्था जारी है। उल्लेखनीय है कि विगत माह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जिले में प्रवास के दौरान दिए गए निर्देश व शिक्षा सचिव छत्तीसगढ़ द्वारा जारी निर्देशों के परिपालन के अनुक्रम में रायगढ़ जिले के विद्यालयों की अकादमिक व्यवस्था में कसावट लाने, विद्यालयों का सघन निरीक्षण व शिक्षकों की उपस्थिति संबंधी ऑनलाइन मॉनिटरिंग जारी है और अनुपस्थित शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है और आगे भी इसी तरह की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।


जिला शिक्षा अधिकारी आर.पी.आदित्य ने बताया कि रायगढ़ जिले के विभिन्न विकास खंडों के विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति संबंधी ऑनलाइन मॉनिटरिंग स्कूल निरीक्षण प्रतिवेदन 10 अक्टूबर 2022 के अनुसार जिले के विभिन्न विकास खंडों के विद्यालयों में संस्था प्रमुख सहित कुल शिक्षकों की दर्ज संख्या अनुसार, उपस्थित शिक्षक संख्या व अवकाश में रहे शिक्षकों की संख्या के अतिरिक्त कुल 5 कर्मचारी ऐसे रहे, जो समय पर अनुपस्थित थे, जिन पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है। जिनमें कुमारी नीलावती मिंज व्यायाम शिक्षक, शासकीय हायर सेकेंडरी झगरपुर विकासखंड लैलूंगा, श्री लोकेश राज सहायक ग्रेड-3 शासकीय हायर सेकेंडरी कन्या लैलूंगा, श्रीमती माया सिंह व्याख्याता शासकीय हाई स्कूल बजरमुड़ा विकासखंड तमनार, श्री परमानंद परजा भृत्य शासकीय हाई स्कूल कुंजेमुरा विकासखंड तमनार, श्री रामायण बिरहौर भृत्य शासकीय हायर सेकेंडरी तुरेकेला विकासखंड खरसिया शामिल है।


जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र में स्कूल की अकादमिक व्यवस्था, शिक्षकों और विद्यार्थियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति पर विशेष ध्यान देने के निर्देश हैं। इसी अनुक्रम में अकादमी व्यवस्था में कसावट लाने जिले के विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति संबंधी ऑनलाइन मॉनिटरिंग व विद्यालयों की सतत सघन मॉनिटरिंग की जा रही है। यह कोशिश शिक्षा की गुणवत्ता की सुधार की दिशा में है जिससे शिक्षा के स्तर में उत्तरोत्तर सुधार हो सके। जिले के सभी शिक्षकों से अपेक्षा है कि वे अपने-अपने विद्यालयों में समय पर उपस्थित हों और नियमित रूप से अपना अध्यापन कार्य कराएं जिससे शिक्षा के स्तर में उत्तरोत्तर सुधार हो सके।