अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला, स्पेशल भत्ता और इंसेंटिव खत्म


अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. ये IAS, IPS, IFS की सैलरी से जुड़ा है. भारत सरकार ने 7 राज्यों में आईएएस, आईआपीएस समेत अन्य ऑल इंडिया सर्विसेस के ऑफिसर्स को मिलने वाला स्पेशल भत्ता और इंसेंटिव का प्रावधान खत्म कर दिया है. ये फैसला नॉर्थ ईस्ट कैडर के अधिकारियों पर लागू होगा. केंद्र के इस फैसले का सीधा असर सिविल सेवा अधिकारियों की Salary पर होगा. ये भत्ता उनकी बेसिक सैलरी का 25 फीसदी होता था. सवाल है कि ऐसा क्यों किया गया? आधिकारिक सूत्र ने इसका जवाब दिया है.नॉर्थ ईस्ट कैडर के अंतर्गत पूर्वोत्तर के राज्य- असम, मणिपुर, सिक्किम, मिरोजरम, त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय आते हैं. इन राज्यों में पोस्टेड IAS, IPS और IFoS ऑफिसर्स को उनकी सैलरी में प्रोत्साहन और विशेष भत्ते दिए जाते थे. लेकिन अब ये भत्ते तत्काल प्रभाव से बंद कर दिए गए हैं. इस संबंध में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग यानी DoPT ने आदेश जारी किया है.

क्यों बंद हुआ IAS, IPS का विशेष भत्ता?
डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग ने 23 सितंबर 2022 को इस संबंध में एक संक्षिप्त आदेश जारी किया था. लेकिन ये फैसला क्यों लिया गया? औपचारिक रूप से इसका कोई जवाब नहीं दिया गया है. लेकिन आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि पूर्वोत्तर राज्यों में पोस्टिंग मुश्किल मानी जाती है. इसलिए भत्ते दिए जा रहे थे. लेकिन अब North Eastern States में कानून व्यवस्था बेहतर हुई है. ये भत्ते का प्रावधान वापस लेने का एक कारण हो सकता है. वहीं, ऐसा करके सरकार कुछ पैसों की बचत भी कर सकेगी.

भारत सरकार ने 10 फरवरी 2009 को आईएएस, आईपीएस, आईएफएस अधिकारियों के लिए ये विशेष भत्ता शुरू करने का आदेश जारी किया था.इसे अखिल भारतीय सेवाओं के पूर्वोत्तर कैडर से संबंधित अधिकारियों के लिए विशेष भत्ता कहा जाता है.सरकार ने इस संबंधित आदेश 22 जनवरी 2007, 16 फरवरी 2009 और 5 सितंबर 2017 को भी जारी किए थे. अब उन आदेशों को भी वापस ले लिया गया है. जनवरी 2007 का आदेश रिटायरमेंट के बाद आवास से जुड़ा था. फरवरी 2009 का आदेश इनकम टैक्स में छूट से जुड़ा था. जबकि सितंबर 2017 का आदेश एक कैडर से दूसरे में प्रतिनियुक्ति को लेकर था.

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