शासकीय महाविद्यालय में मानसिक स्वास्थ्य परामर्श केंद्र का उद्घाटन

दंतेवाड़ा ,25सितम्बर। मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की कमी के कारण लोग प्रायः तनाव को लेकर खुलकर बात नहीं करते हैं। इसका प्रभाव छात्रों और युवाओं पर भी देखने को मिलता है। तनाव से ग्रसित हो चुके ऐसे लोगों को काउंसलिंग के माध्यम से राहत देने का काम अब, शासकीय दंतेश्वरी स्नातकोत्तर महाविद्यालय दंतेवाड़ा का मनोविज्ञान विभाग करेगा। इसके जरिए विद्यार्थियों के मन में होने वाले घबराहट, चिंता, आशंका, निराशा, तनाव, असुरक्षा, चिड़चिड़ापन, निद्रा संबंधी परेशानी, और उचित निर्णय नहीं ले पाने जैसे पहलुओं पर मनोवैज्ञानिक सलाह देने के लिए महाविद्यालय में मानसिक स्वास्थ्य परामर्श केंद्र की स्थापना की गयी है।

मनोविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष मनोज कुमार राव ने मानसिक परामर्श केंद्र की ऊपयोगिता बताते हुए कहा: ” प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में विभिन्न कारणों के चलते तनाव उत्पन्न होते हैं। विद्यार्थियों के मन में भी मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आती रहती है। यदि समय पर इस समस्या की पहचान कर उन्हे परामर्श दिया जाए तो गंभीर मानसिक अवसाद से बचाया जा सकता है। ऐसे में मानसिक रूप से पीड़ित और तनावग्रस्त छात्रों को उचित मार्गदर्शन प्रदान करने में यह परामर्श केंद्र उपयोगी साबित होगा। परामर्श केंद्र अवकाश के दिनों में छोड़कर प्रतिदिन शाम 4:00 बजे से 5:00 बजे तक संचालित होगा। उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया: “मानसिक परामर्श केन्द्र में, कालेज के अध्ययनरत छात्रों के लिए मनोविज्ञान विभाग कक्ष क्र. 13 में मानसिक स्वास्थ्य परामर्श केंद्र शुरू किया गया है। जिसमें राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय सेंदरी से जुड़े पूर्व मनोवैज्ञानिक सलाहकार एवं विभाग के प्रमुख शिक्षकों द्वारा उचित परामर्श प्रदान की जाएगी। 

जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. देश दीपक ने बताया: “हम अपनी दैनिक दिनचर्या सही रखे तो अनावश्यक रूप से तनाव से बच सकते हैं जीवन में तनाव आवश्यक है यदि इसकी मात्रा आदर्श स्तर की है तो यह कार्य क्षमता को बढ़ाता है लेकिन यदि इसकी मात्रा कम या अधिक होती है तो यह कार्य क्षमता को प्रभावित कर देती है। लेकिन अब समय बदल रहा है, युवा वर्ग अपनी मानसिक तनाव को लेकर अधिक सजग हैं,  वे तनाव के विषय को लेकर आगे आ रहे हैं, और इसे कैसे दूर किया जाए इसका भी समर्थन कर रहे हैं। महाविद्यालय में परामर्श केंद्र खुलने से निश्चित रूप से उन्हे लाभ मिलेगा।

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निमहान्स) से प्रशिक्षण ले चुके मनोविज्ञान विभाग के सहायक शिक्षक डॉ. दिनेश कुमार लहरी ने बताया : “वर्तमान समय में लोगो की बदलती जीवन शैली तनाव को जन्म दे रही है। लेकिन प्रत्येक समस्या का समाधान होता है। इसके लिए हमें धैर्यपूर्वक परिस्थिति का सामना करना चाहिए। यदि हमारे पास हल नहीं है तो परामर्शदाता की सहायता लेनी चाहिए। इसमें किसी तरह की झिझकने वाली बात नहीं है। महाविद्यालय में इस परामर्श केन्द्र की स्थापना का उद्देश्य यह है कि प्रत्येक व्यक्ति शांतिपूर्ण जीवन के लिए अपने आपको तैयार करे।

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इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि पार्वती नायर (क्लिनीकल साइकोलॉजिस्ट यूनिसेफ) , नैदानिक मानस एनजीओ नई दिल्ली, डॉक्टर दिनेश कुमार लहरी (सहायक अध्यापक मनोविज्ञान विभाग) डॉ शिखा सरकार, डॉ केएन प्रसाद, डॉ रत्नबाला मोहंती, धारणा ठाकुर, पीरीसिंह ठाकुर, सुधीर कुमार अग्रहरी, राजीव कुमार पाणिग्राही, रेशमा एक्का, बंशीधर चौहान, सरला पैकरा, दुष्यंत तारम , सिद्धार्थ देवांगन,अमित कुमार साहू,प्रभा मांझी, वैजयंती ठाकुर, महाविद्यालय के समस्त छात्र-छात्राएं एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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