डिलीवरी बॉय की हत्या करने वाले 6 आरोपी गिरफ्तार

इंदौर। बाणगंगा पुलिस ने डिलीवरी ब्वाय सुनील वर्मा की हत्या का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने चार नाबालिगों सहित छह बदमाशों को गिरफ्तार किया है। बदमाशों ने बताया वह खाने का पार्सल लूटना चाह रहे थे, लेकिन सुनील ने इसका विरोध किया। नाबालिग ने गमछे से मुंह ढंका और साथी ने चाकू मार दिए। जोन-3 के उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के मुताबिक मूलत: भागौरा(राजगढ़) निवासी 20 वर्षीय सुनील पुत्र अमृतलाल वर्मा बर्फानी धाम कालोनी में किराए से रहता था। वह आन लाइन फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो में डिलीवरी ब्वाय की नौकरी करता था।

28 जुलाई को सुनील स्कीम-78 से बिरयानी का पार्सल लेकर करोलबाग कालोनी(अरविंदो अस्पताल के सामने) जा रहा था। एमआर-10 की सर्विस लाइन पर छह बदमाशों ने रोका और खाने का पार्सल छीनने का प्रयास किया। सुनील ने इसका विरोध किया और एक नाबालिग ने गमछे से उसका चहरा ढंक दिया और विशाल मेवाड़ा ने चाकू मार दिए। दो बदमाशों ने पार्सल वाला बैग छीन लिया। मामले में पुलिस ने लूट-चोरी, अड़ीबाजी के करीब पौने चार सौ बदमाशों से पूछताछ तब जाकर हत्यारे पकड़े गए। दो आरोपित विशाल पुत्र सोहनलाल मेवाड़ा और अर्जुन पुत्र गंगाराम गुंडराज के पुलिस से बचकर भागने में हाथ-पैर भी टूट गए। आरोपितों ने सुनील का पर्स भी लूटा था जिसमें चार हजार रुपये रखे थे। लूटे गए रुपये, पर्स और बैग जब्ती के लिए पुलिस ने सभी आरोपितों को रिमांड पर ले लिया है।

भाई विशाल-अर्जुन ने लोचा कर दिया, बोलते फंस गए आरोपित एडिशनल डीसीपी जोन-3 राजेश रघुवंशी के मुताबिक एक नाबालिग शराब, गांजा, व्हाइटनर का नशा करता है। नशे के बाद उसे तेज भूख लगती है। जैसे ही सुनील पार्सल ले जाते दिखा उसने रोक लिया।हत्या के बाद उसने बिरयानी भी खाई और घर जाकर सो गया। होश आने पर आरोपित घरों से गायब हो गए। जिस जगह घटना हुई वहां सीसीटीवी कैमरे नहीं थे। किसी ने उन्हें आते-जाते हुए देखा भी नहीं था। पुलिस ने करोलबाग, कालिंदी गोल्ड, श्रीराम एन्क्लेव, एमआर-10, कुमेड़ी क्षेत्र के उन सभी युवकों का सत्यापन किया जो नशा करते हैं। करीब 80 स्थानों से सीसीटीवी फुटेज निकाले। मोबाइल का पीएसटीएन डेटा भी निकाला गया। इसी दौरान खबर मिली कि लवकुश चौराहा पर भुट्टे का ठेला लगाने वाला एक नाबालिग घर नहीं सो रहा है।

उसने कुछ लोगों से यह भी कहा कि विशाल और अर्जुन लोचा कर दिया इसलिए घर नहीं जाता। टीआइ राजेंद्र सोनी ने सर्विस रोड़ पर नशाखोरी करने वाले नाबालिगों को पूछताछ करने बुलाया और हत्या कबूल ली। टीआइ के मुताबिक आरोपितों ने लूटे रुपए भी आपस में बांट लिए थे। घटना के बाद से ही कावड़ यात्रा, धार्मिक आयोजनों में खाना खाकर दिन गुजार रहे थे। सुनील की दो माह पूर्व ही शादी हुई थी। वह भाई रवि के साथ किराए के मकान में रहता था। स्वजन ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस चलाकर फांसी की सजा दिलाने की मांग की है।