धमतरी : शिक्षाकर्मी भर्ती फर्जीवाड़ा के आरोपित पूर्व जनपद सदस्य व सभापति की अग्रिम जमानत खारिज

धमतरी, 8 अगस्त। जनपद पंचायत मगरलोड शिक्षाकर्मी भर्ती 2007 फर्जीवाड़ा के मुख्य आरोपित पूर्व जनपद पंचायत सीईओ कमलाकांत तिवारी को गिरफ्तार कर जेल भेजने के बाद इस मामले के अन्य आरोपितों को गिरफ्तार करने पुलिस जुटी हुई है। इसमें से कई आरोपित फरारी काट रहे हैं, जबकि कुछ ने तो न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए याचिका भी लगाई है, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया है, इससे आरोपितों की बेचैनी अब बढ़ गई है। जल्द ही इन आरोपितों की भी गिरफ्तारी हो सकती है।

शिक्षाकर्मी भर्ती फर्जीवाड़ा के आरोपित चयन समिति के पूर्व जनपद सदस्य व सभापति शत्रुघन साहू व नीलकंठ सिन्हा ने एक अगस्त 2022 को विशेष न्यायाधीश एससी, एसटी एक्ट के एल चरयानी जिला एवं सत्र न्यायाधीश धमतरी में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। इस मामले में छह अगस्त को न्यायालय ने खारिज कर दिया। चयन समिति के तत्कालीन सदस्य नीलकंठ सिन्हा ग्राम भेंडरी निवासी तथा शत्रुहन साहू ग्राम रांकाड़ीह निवासी है। वहीं पुलिस सुरक्षा के बीच प्रार्थी कृष्ण कुमार साहू ग्राम चंदना अपना पक्ष रखते हुए न्यायालय को बताया कि चयन कमेटी के सदस्य पद पर होते हुए अपने ही परिवार के सदस्यों को अपात्र होना जानते हुए भी अंक लाभ देकर नौकरी दी है। दिव्यांग वर्ग से भी स्वस्थ अभ्यर्थी को उस वर्ग से नियुक्ति में लाभ पहुंचाया गया, जिससे पूरी भर्ती प्रक्रिया दूषित हुई है। सैकड़ों की संख्या में अपात्र अभ्यर्थी शिक्षक बन गए। जबकि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आरक्षित वर्ग से उच्चतम अंक प्राप्त महिला एवं पुरुष अभ्यर्थियों को अपने अंक तालिका में जानबूझकर कम अंक दर्शाये जाने से उस वर्ग के पात्र अभ्यर्थी शासकीय नियोजन में अपने जीवन हक से वंचित हो गए। सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश केएल चरयानी ने आरोपित नीलकंठ सिन्हा एवं शत्रुहन साहू के अग्रिम जमानत आवेदन को खारिज कर दिया। वहीं चयन समिति एवं छानबीन समिति मगरलोड जनपद पंचायत के तत्कालीन सीईओ आरोपित कमलाकांत तिवारी को गिरफ्तारी के बाद 19 जुलाई से रिमांड पर जिला जेल धमतरी भेज दिया गया है। उसके प्रस्तुत जमानत याचिका को विशेष न्यायाधीश ने 26 जुलाई 2022 को पहले से ही खारिज कर दिया है।

मामले के कई आरोपित फरार

शिक्षाकर्मी भर्ती फर्जीवाड़ा के मुख्य आरोपित पूर्व सीईओ कमलाकांत तिवारी के गिरफ्तारी होने के बाद अन्य आरोपित फरार हो गए है। वहीं कुछ आरोपित बेखौफ घूम रहे हैं, लेकिन पुलिस गिरफ्तार नहीं कर रही है। प्रार्थी कृष्ण कुमार साहू ने बताया कि इस मामले में करीब 45 शिक्षक भी आरोपित है, जो वर्तमान में स्कूलों में अपनी सेवा दे रहे हैं। इन्हें भी गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। वहीं इस मामले में एक राजनीतिक पार्टी के दो बड़े नेता भी आरोपित है, जो फरार है। बमुश्किल रिपोर्ट दर्ज होने के 11 साल बाद इस मामले के आरोपितों को गिरफ्तार किया जा रहा है।