धमतरी : गर्मी व उमस की बेचैनी पर सावन की शीतल वर्षा से सुकून

धमतरी, 8 अगस्त । पिछले कई दिनों से पड़ रही तेज धूप व उमस से हर वर्ग बेचैन था। पसीना से चिपचिपी त्वचा की व्याकुलता से लोग परेशान हो गए थे। कूलर व एसी की जरूरत फिर शुरू हो गई थी, इस बीच सावन की शीतल वर्षा से लोगों ने सुकून महसूस किया। वहीं फटती खेतों की धरती व धान के पौधों को भी वर्षा से राहत मिली है।

सावन माह में वर्षा थमने के बाद अंचल में पिछले आठ-10 दिनों से तेज धूप व भारी उमस से हर वर्ग व्याकुल हो गया था। सुबह से शाम तक शरीर पसीना से तरबतर होने लगा था, मानो गर्मी का मौसम चल रहा है। कूलर, पंखा व एससी की जरूरत फिर शुरू हो गई थी, ऐसे में लोगों को वर्षा होने का बेसब्री से इंतजार था। सात अगस्त की सुबह मौसम में उमस बना रहा। आसमान में बादल छाया। समय-समय पर तेज धूप खिलने भी लगा। इस बीच दोपहर को मौसम में बदलाव होने के साथ रिमझिम वर्षा हुई। फिर रूक-रूककर अंचल में वर्षा होती रही। शाम को तेज गर्जना के साथ रिमझिम वर्षा बड़ी बूंदों में बदलने के साथ झमामझ वर्षा शुरू हो गई। वर्षा का यह सिलसिला घंटों जारी रहा। रात आठ बजे तक वर्षा होती रही। इस वर्षा से लोगों को गर्मी व उमस से काफी राहत मिली है। अचानक हुई इस वर्षा से एक बार फिर शहर व गांवों की गलियां पानी से तरबतर हो गया। शहर के रामपुर वार्ड, गोकुलपुर, बठेनापारा, शिव चौक रोड, नेशनल हाईवे, बालक शाला मैदान, मिशन मैदान, बाम्बे गैरेज समेत कई जगह पानी भर गया। पानी भरने से लोगों को आवाजाही में परेशानी हुई। कामकाजी लोग वर्षा से बचने छतरी व रैनकोट लेकर निकले। उल्लेखनीय है कि मौसम विभाग ने धमतरी जिले में अच्छी वर्षा होने के साथ यलो व रेड अलर्ट भी जारी किया था।

खेतों की बूझी प्यास

लंबे समय बाद अंचल में हुई अच्छी वर्षा से किसानों के चेहरे खिल गए। तेज धूप व भारी उमस के बीच खेत तेजी से सूखने लगा था। धान के पौधा भी प्रभावित हो रहे थे। मानसून के भरोसे खेती-किसानी करने वाले किसानों की चिंता बढ़ गई थी, उन्हें वर्षा होने का इंतजार था। सूखे खेतों को देखकर गंगरेल बांध से सिंचाई पानी भी छोड़ा गया। इस बीच अंचल में हुई अच्छी वर्षा से अब किसानों ने राहत की सांस ली है। किसान मनोहर लाल, रामजी यादव, विजय कुमार, घनश्याम साहू का कहना है कि अब वनांचल व मैदानी क्षेत्र में बोता फसल लेने वाले किसान खेतों में वर्षा के पानी भरने के बाद खाद का तेजी से छिड़काव करेंगे। यह वर्षा धान फसल के लिए काफी फायदेमंद है।

जिले में 690 मिमी औसत वर्षा दर्ज

जिले में एक जून से अब तक 690 मिमी औसत वर्षा हुई है। धमतरी तहसील में 788 मिमी, कुरूद में 510 मिमी, मगरलोड में 660 मिमी, नगरी में 835 मिमी, भखारा में 499 मिमी और कुकरेल में सबसे अधिक 845 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि गंगरेल बांध में कैचमेंट एरिया से पानी की आवक अभी भी बनी हुई है। बांध में 2631 क्यूसेक पानी की आवक हो रही है, इससे बांध का जलभराव 30 टीएमसी से अधिक है। साथ ही गंगरेल बांध से सिंचाई पानी समेत अन्य के लिए 7249 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। मुरूमसिल्ली बांध में चार टीएमसी, दुधावा में छह टीएमसी और सोंढूर बांध में पांच टीएमसी से अधिक जलभराव है।