कमलनाथ सरकार का राज्य के विकास से कोई लेना-देना नहीं रहा : CM शिवराज सिंह चौहान

रायसेन, 10 जुलाई । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में कमलनाथ की सरकार 15 महीने रही, लेकिन विकास के कोई भी कार्य नहीं हुए बल्कि वल्लभ भवन मंत्रालय को दलालों का अड्डा बना दिया था। उनका प्रदेश के विकास से कभी लेना-देना ही नहीं रहा। कमलनाथ ने बुजुर्गजनों के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना भी बंद कर दी थी। हमने उसे फिर से शुरू कर दिया है। श्रवण कुमार बनकर मामा तीर्थ यात्रा भी करवाएगा।

मुख्यमंत्री चौहान रविवार को रायसेन में भारतीय जनता पार्टी की चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना फिर से चालू कर दी गई है। आप वृद्धजन रामेश्वरम, काशी, केदारनाथ, बद्रीनाथ सहित सभी तीर्थ स्थलों तक जाएं। उन्होंने जनता से भाजपा उम्मीदवारों को जिताने की अपील करते हुए कहा कि रायसेन को सुंदर मिनी स्मार्ट सिटी बनाया जायेगा। प्रदेश के विकास एवं गरीब कल्याण के कार्यों के लिए कभी पैसे की कमी नहीं रहेगी। मेरे जीवन का लक्ष्य प्रदेश का विकास और गरीब कल्याण है। अवैध नई कॉलोनियों को हम बनने नहीं देंगे, लेकिन पुरानी अवैध कॉलोनियों को वैध करके उनका संपूर्ण विकास किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि सभी घरों में नल कनेक्शन से जलापूर्ति की व्यवस्था की जाएगी और रायसेन के सभी वार्ड में बेहतरीन सड़कों का जाल बिछेगा। रायसेन के विकास में कोई कमी नहीं रहने दूंगा। गरीबों को फ्री राशन की व्यवस्था चालू रहेगी। यह पार्षदों की भी जिम्मेदारी है कि जिनका नाम छूट गया हो उनका नाम लिस्ट में जुड़वाएं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गरीब परिवार समाज के किसी भी वर्ग से हो, उनके बच्चों की शिक्षा में कोई बाधा नहीं आने देंगे। बच्चों के लिए ही हम सीएम राइज स्कूल की शुरुआत कर रहे हैं। 28 करोड़ रुपये की लागत से इस स्कूल का भवन बनेगा।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले भी कभी मध्यप्रदेश में विकास के काम नहीं किये थे। फिर 15 महीने सरकार रही, उस समय भी कोई काम नहीं किये, बल्कि मैंने जो जनकल्याणकारी योजनाएं बनाई थी, उसे भी बंद करने का काम किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि रायसेन शहर में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 2842 आवास स्वीकृत हैं। मध्यप्रदेश में हमने एक सामाजिक क्रांति प्रारंभ की है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बेटे-बेटियों का मेडिकल, इंजीनियरिंग, लॉ, आईआईएम आदि में एडमिशन होने पर फीस उनके माता-पिता नहीं, मामा भरवायेगा। जैसे ही बरसात खत्म हो धूमधाम से कन्या विवाह का आयोजन किया जाए। 55 हजार रुपये की राशि हमारी बेटियों को सामान एवं बाकी चीजों के लिए दी जाएगी।